Radhika Krishna Rukmini Darshan.5.
©️®️M.S.Media.
Shakti Project.
Shakti Project.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम.
In association with.
A & M Media.
Pratham Media.
Times Media.
Presentation.
Cover Page.0.
⭐
Radhika Krishna Rukmini Darshan.
Volume : 1 Series : 5.
a Social Media.Web Blog Magazine Philosophical Page.
Address.
*
https://drmadhuptravel.blogspot.com/2025/10/radhika-krishna-rukmini-darshan5.html
*
Cover Page : Trishakti.
*
संपादन सज्जा : मुक्तेश्वर : नैनीताल.
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![]() |
| * शक्ति नेहा:शाखा प्रबंधक:बैंक ऑफ़ इंडिया: रिश्तों की जमापूंजी समर्थित. |
*
*
विषय सूची : पृष्ठ :०.
*
राधिकाकृष्णरुक्मिणी. दर्शन.पृष्ठ :०.
*
प्रेम प्रकृति.
राधिकाकृष्ण : दर्शन : पृष्ठ : ० / १ .
कृष्णरुक्मिणी. दर्शन : आज : पृष्ठ :० / २.
*
जीवन : विचार धारा.
*
त्रि शक्ति : विचार धारा : पृष्ठ : १.
राधिकाकृष्ण : जीवन दर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ : १ / १.
रुक्मिणीकृष्ण :जीवनदर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ : १ / २.
मीराकृष्ण : जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ १ / ३.
*
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : सम्पादकीय शक्ति : पृष्ठ : २.
सम्पादकीय शक्ति. समूह. नवशक्ति. विचार धारा : अंततः : पृष्ठ :२ / १.
सम्पादकीय : त्रि शक्ति जागरण : साँवरे सलोनी गोरी : गद्य संग्रह आलेख : पृष्ठ : २ / २.
सम्पादकीय : त्रि शक्ति जागरण : साँवरे सलोनी गोरी : पद्य संग्रह : आलेख : पृष्ठ : २ / ३.
*
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : आज का गीत : जीवन संगीत :भजन : पृष्ठ : ३.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कोलाज दीर्घा : पृष्ठ : ४.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५.
दिन विशेष : आज का पंचांग : राशि फल : पृष्ठ : ६.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ :७.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी :समसामयिकी. समाचार : दृश्यम पृष्ठ :८.
मुझे भी कुछ कहना है : आपने कहा : आभार : पृष्ठ :९.
*
महाशक्ति मीडिया प्रस्तुति.
विषय सूची.
प्रकाश पर्व : देव दीपवाली, की मंगल अनंत शिव. शक्ति शुभकामनाओं के साथ.

| फोर स्क्वायर होटल:आर्य यशवंत:रांची :समर्थित : दैनिक अनुभाग : मार्स मिडिया ऐड: नई दिल्ली.
* दैनिक अनुभाग. |
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सुबह सवेरे:शाम. पृष्ठ :०..
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी सदा सहायते.
*
त्रि शक्ति : दर्शन : विचार धारा.
सम्यक ' साथ ', सम्यक ' दृष्टि ', ' और सम्यक ' कर्म '
*
दैनिक अनुभाग.आज.
*
आत्म दीपो भवः
*
दिव्य अनंत शिव शक्ति.
⭐
दैनिक अनुभाग.आज.
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राधिका : कृष्ण : रुक्मिणी दर्शन.
त्रि - शक्ति.
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हरे कृष्णा गोविन्दाय नमः
*
*
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प्रेम. प्रकृति : दर्शन
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राधिकाकृष्ण : प्रेम प्रकृति :दर्शन : पृष्ठ :० / १ .
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राधिका डेस्क
मुक्तेश्वर नैनीताल.
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दर्शन डयोढ़ी : राधिकाकृष्ण : आज : पृष्ठ : ० / १.
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राधिका डेस्क.
राधा कृष्ण मंदिर. मुक्तेश्वर.नैनीताल.
*
*
सज्जा : संपादन.
शक्ति* प्रिया.मधुप डॉ.सुनीता .
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राधिकाकृष्ण : प्रेम प्रकृति दर्शन : आज : पृष्ठ : ० / १.
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राधिका डेस्क.
राधाकृष्ण मंदिर. मुक्तेश्वर.नैनीताल.
*
ये जीवन है इस जीवन का
*
*
संपादन.
शक्ति *प्रिया.डॉ..सुनीता मधुप.
*
कि तेरी मेरी एक जिंदगी
*
चेहरे की मुस्कान तेरी मेरी जिंदगी की वो कहानी वयां कर दे, प्रिय !
कि हमने मौसमों की तपिश और धूप का खिलना, फूलों का हँसना भी देखा है
*
शक्ति.रेनू शब्द मुखर.जयपुर.
*
ढ़ाई अक्षर प्रेम का
*
जो अन्य जन के जीवन में ' हँसी ' और ' रोशनी '
देते हैं उनपर ईश्वरीय शक्ति की मेघ कृपा ही बरसती है
*
प्रेम निःशुल्क होते हुए भी
इस जगत सबसे अनमोल और महँगा सुख है
*
जीने का अर्थ
*
जिंदगी ऐसे जियो जैसे हर पल आख़िरी हो...
लेकिन जितनी जिओ सार्थक, परमार्थ और आर्य जगत के निर्माण लिए जिओ
*
मन की पीड़ा
*
' तन ' का दर्द कुछ ' वक्त ' तक रहता है,
लेकिन अंतर मन का दुःख तो दीर्घ समय तक आत्मा में असर छोड़ जाता है
*
जियो और जीने दो
*
समस्या तो आनी जानी ' रोज ' है
मत सोचें कि जिंदगी एक ' बोझ ' है
इसमें हँस कर जो समाधान ढूंढ ले
तो उसके लिए ' मौज ' है
*
ईश्वर : सुंदरता : अनुभूति
*
सुंदरता कोई दृश्य नहीं, वह एक ह्रदय की अनुभूति है, जब
आत्मा स्वयं को ईश्वर की आँखों से देखती है
*
जीवन चलने का नाम
*
जब तक साँस है आस है खुश रहें
क्योंकि बंद सांसों के साथ ही एक पल में सब समाप्त हो जाता है
*
पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं
*
अपनी झोपड़ी में ' राज ' करना कहीं दूसरों के महलों में ' गुलामी '
करने से लाख गुना अच्छा है
*
लोगों का काम है कहना
*
कोई कुछ भी बोले स्वयं को शांत, सतत व संतुलित
रखिए , क्योंकि धूप कितनी भी तेज क्यों न हो ' समुद्र ' को अंततः नहीं ही सुखा सकती.
*
तीरे नज़र देखेंगे
*
कदमों के लड़खड़ाने, गिरने पर सबकी नजर होती है साहेब,
लेकिन सिर में कितना बोझ लिए अब तक चले हैं
ये कोई गौर नहीं करता...
अभी तो जी लें
*
व्यक्ति और समाज में सर्व प्रथम श्रेष्ठ व्यक्ति,व दिव्य शक्तियों को ही प्राथमिकता देना
यदि अवरोध है तो ऋषि विश्वामित्र की तरह सम्यक जन दिव्य शक्तियों के सहयोग से एक नव सम्यक समाज को निर्मित कर लो ....तुमसे समाज निर्मित हो
तुम समाज से नहीं
*
ईश्वर : साँस और आस
*
*
फोटो सन्दर्भ : कृष्ण : शक्ति : भक्ति जो निःशुल्क है वही सबसे ज़्यादा क़ीमती है,
नींद, शांति, आनंद, हवा, पानी आस और सबसे ज़्यादा
हमारी साँस..
इसलिए श्री हरि से आस और प्रीत बनाये रखें
*
भोले भाव मिले रघुराई
*
सरल , भोले नादान इंसान ही ' ईश्वर ' के समीप रहकर
सदैव ' जिंदगी ' का 'आनंद ' लेते हैं ...,
अन्यथा ज्यादा ' ज्ञानी ' तो हमेशा जीवन के
गणित ' ' हल ' तथा उसके ' रहस्य ' सुलझाने में ही उलझे हुए रहते हैं ..
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राधा कृष्ण मंदिर. मुक्तेश्वर. नैनीताल.भजन : पृष्ठ :० / १ .
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राधिका डेस्क
मुक्तेश्वर नैनीताल.
. प्रादुर्भाव वर्ष :१९७६.
संस्थापना वर्ष : १९९८.महीना : जुलाई. दिवस :४.
*
शक्ति* प्रिया. डॉ.सुनीता मधुप.
*
गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो.
*
भजन सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
*
टाइम्स मीडिया शक्ति प्रस्तुति.
*
*
प्रकृति प्रेम दर्शन
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रूक्मिणीकृष्ण : प्रकृति प्रेम :दर्शन : पृष्ठ : ० / २
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*
रुक्मिणी डेस्क
मुक्तेश्वर.नैनीताल.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७८..
संस्थापना वर्ष : १९८७.महीना : अगस्त : दिवस : ६.
*
अंधेरों से मिल रही रोशनी है
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रूक्मिणीकृष्ण : दर्शन ड्योढ़ी : आज : पृष्ठ : ० / २
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*
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
*
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रूक्मिणीकृष्ण : प्रकृति प्रेम दर्शन : पृष्ठ : ० / २.
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*
रुक्मिणी डेस्क
मुक्तेश्वर.नैनीताल.
*
तेरा मेरा साथ रहे
*
धूप हो की छाँव हो तेरा मेरा साथ रहे
शून्य से शिखर बस आसान रहे
ईश्वर सत्य है
*
लोग गलत करने से पहले
दाँये बाएँ तो देख लेते है
बस ऊपर देखना भूल जाते हैं
*
शक्ति @ शालिनी सीमा सुनीता
*
कैसे जीते है भला हमसे सीखो ये अदा
*
मेरे अपने
याद करें गलती उतनी भी बड़ी नहीं जितनी समझी और बताई गयी
लेकिन उसने कहा माफ़ कर दें
आते है लोग जाते है लोग
*
मानवीय जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि , प्रिय !
किसी सोना ' शक्ति ' सज्जन साधु ' जन ' की आँखों में
आँसू तुम्हारे लिए हो ....तुम्हारी बजह से नहीं
*
तुम्हारे लिए
*
सदैव सहायता, समभाव, वाणी व कर्म में संयम रखने वाला, सहिष्णु, व्यक्तिगत
संवेदनशील मित्र ईश्वर के समान ही है, प्रिय
*
चाहे रहो दूर चाहे रहो पास
*
जो ह्रदय में शेष हैं वही विशेष हैं
फिर चाहे वो पास रहें या दूर रहें
*
©️®️शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता मधुप
*
*
उपेक्षा और अपेक्षा
*
दूसरे में अपेक्षा संयम ,भद्र भाषा और आर्य सभ्यता संस्कृति की
स्वयं में इनकी उपेक्षा क्यों, प्रिय
*
तुम्हारे लिए
जो तुम्हारे विरुद्ध सब के सामने है वो अपने नहीं प्रिय !
और जो अपने हैं वो शमित है. भ्रमित नहीं सदैव तुम्हारे लिए साथ हैं
*
है प्रीत ह्रदय की रीत जहाँ
*
जन्म ' जन्मांतर ' के सम्बन्ध ' ह्रदय ' से होते है
' जरूरतों ' से नहीं
संत : संगति : शक्ति
*
सोना सज्जन,साधु ,जन संगति शक्ति
नियति प्रकृति मन की सुन्दर प्रस्तुति
मेरे जीवन की यही हो राधिके कृष्ण , अभिव्यक्ति
*
कर्म : ईश्वर और परिणाम
*
स्वयं को दुर्बल समझना ही सबसे बड़ा पाप है ,
अगर आप गिरते हैं तो स्वयं उठने का प्रयास कीजिए
पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य कर्म सही तरीक़े से निभाइए ,
बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दीजिए
*
देखा है जिंदगी को कुछ इतना करीब से
*
प्रकाश पर्व, भैया दूज, चित्रगुप्त ,छठ पूजा की मंगल अनंत शिवशक्ति शुभकामनाओं के साथ.
*
![]() |
| * ममता हॉस्पिटल बिहार शरीफ:शक्ति.डॉ.ममता.आर्य. डॉ.सुनील कुमार : समर्थित * जीवन : दर्शन * राधिकाकृष्ण : जीवन : दर्शन आज : पृष्ठ : १. |
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राधिकाकृष्ण : दर्शन : ड्योढ़ी : दृश्यम : आज : पृष्ठ : १ / १ .
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*
राधिकाकृष्ण
वरसाने.वृन्दावन.डेस्क.
. प्रादुर्भाव वर्ष :१९७६.
संस्थापना वर्ष : १९९८.महीना : जुलाई. दिवस :४.
*
*
हे री मैं तो प्रेम दिवानी,मेरा दरद न जाने कोय
*
*
मेरी भव बाधा हरौ ' राधा ' नागरि सोय.
*
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श्यामा आन बसो मेरे मन में : दृश्यम : आज : पृष्ठ : १ / १ .
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राधा मोहन शरणम : सत्यम शिवम सुंदरम
*
रामा अवध में, काशी में शिव, कान्हा वृन्दावन में
*
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राधिकाकृष्ण : जीवन : दर्शन : आज : पृष्ठ : १ / १ .
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*
राधिकाकृष्ण
वरसाने.वृन्दावन.डेस्क.
. प्रादुर्भाव वर्ष :१९७६.
संस्थापना वर्ष : १९९८.महीना : जुलाई. दिवस :४.
*
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर
तू सुंदरता की मूरत हो : इंदीवर.
*
*
सन्दर्भ : फोटो : शक्ति वर्षा : वृन्दावन
*
*
जीवन दायित्व अनुभव
*
दूसरों की विचारधाराओं का बोझ सहने के बजाय, प्रत्येक
व्यक्ति को अपनी जीवन यात्रा के दायित्व व अनुभव स्वयं वहन करना चाहिए
और अपने बनाए गए सम्यक रास्ते पर खुद चलना चाहिए
सन्दर्भ : फोटो : डॉ. मधुप
*
व्यक्ति व्यवहार समाज
*
पूर्ण सफलता का मतलब स्वयं व समाज के बनाए गए व्यवहारिक श्रेष्ठ आदर्शों के
अनुसार ढलना ही नहीं, बल्कि लोक हित में स्वयं को उन्नत करते हुए स्वयं को वैसे ही स्वीकार करना
है जैसे आप हैं।
*
आत्म मंथन
*
ज़िंदगी में पछतावा सिर्फ़ अपनी ' गलतियों ' पर ही नहीं बल्कि ऐसे गलत कार्यों के लिए भी
भी होना चाहिए प्रिय
जो हमने ऐसे साधु जनों के लिए किये जो उसके अधिकारी नहीं थे
*
जीत जायेंगे हम तू अगर संग है
*
पराजित व विजित व्यक्ति का अनुभव
एवं स्वयं की व्यवहारिकता बुद्धि जीवन
में कभी हारने नहीं देंगी
*
मानव : कर्म : व्यवहार
*
यदि ईर्ष्या, द्वेष, जलन से कुछ स्वयं प्राप्त हो जाए तो कहना
सफलता : विफलता संयोग और वियोग तो स्वयं के कर्म : व्यवहार के ही परिणाम है
*
⭐
शक्ति प्रिया डॉ सुनीता मधुप
रूक्मिणीकृष्ण : जीवन दर्शन : आज : पृष्ठ : १ / २
------------
रूक्मिणीकृष्ण : दर्शन ड्योढ़ी : आज : पृष्ठ : १ / २
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*
रुक्मिणी डेस्क
*
टाइम्स मीडिया. शक्ति.प्रस्तुति.
रूक्मिणी डेस्क
विदर्भ : महाराष्ट्र.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९७०.
संस्थापना वर्ष : १९९६.महीना :जनवरी : दिवस : ६.
*
टाइम्स मीडिया.शक्ति.प्रस्तुति.
त्रि : दिव्य अनंतशिवशक्ति.
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कृष्णरुक्मिणी : जीवन दर्शन : शब्द चित्र : आज : पृष्ठ : १ / २.
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संपादन
*
शक्ति * प्रिया डॉ.सुनीता मधुप
*
स्मृति शेष
*
जीवन का चिर सत्य इतना ही है प्रिय !
कि क्षण भर में लोग मात्र स्मृति में ही शेष
रह जाते हैं
मेरे अपने : संयम : सहिष्णुता
*
कृष्ण ' शिशुपाल '
विभीषण ' रावण ' प्रसंग
*
*
कृष्ण ' शिशुपाल ' के लिए
विभीषण ' रावण ' के लिए कितना निरंतर ' सहिष्णु ' व ' संयमित ' रहें , प्रिय !
*
अतिरिक्त नहीं मात्र ' सम्यक ' अपनों के लिए तो ' पक्ष विपक्ष ' में
बोलते हुए ' सार्वजनिक ' रूप से संयमित रहें.
*
शांति प्रस्ताव
*
स्वजनों से प्रतिकार का क्या औचित्य, युवराज !
रणभूमि में बिखरे पड़े निष्प्राण शरीर भी अपने के ही होंगे
फिर रक्त के छीटें भी रक्त से नहीं पानी से ही निर्मल होंगे
*
अश्व और जिह्वा
अश्व और जिह्वा की एक ही गति होती है, शिशुपाल !
इसपर रास रखना परम आवश्यक है
अन्यथा अश्व सवार को गिरा देता है और जिह्वा मनुष्य को
*
बुरा बुराई : हठधर्मिता
*
बुरा होना बुरा नहीं है स्वयं के भीतर सुधार की प्रक्रिया को न आने देने की हठधर्मिता
बुरी है ...सोना सज्जन साधु जन को पीड़ा पहुँचाना तो
अतीव बुरा है
*
गोविन्द जी @ डॉ सुनीता मधुप
*
जाति और वंश
समय और समझ
*
स्मृत रहे सम्मान कर्मों से प्राप्त होता है
ऊंचे वंश और जाति से नहीं : सूत पुत्र कर्ण दानवीर हुए
और दुर्योधन युवराज होते हुए भी अधर्मी कहलाए
समय को समय पर समझ ले यही समझदारी है
*
कृष्ण : कर्म : जीवन दर्शन
*
इस मानवीय जीवन की ' सार्थकता ' तभी है , प्रिय !
जब आप किसी की ' प्रसन्नता ' और ' जीने ' का कारण बन जाते है
*
गुरु न जैसा आसरा गुरु जैसा न मीत
गुरु की कृपा से पायेंगे चंचल मन पर जीत
*
प्रिय ! यदि तुम्हारा प्रेम मय सहिष्णु ह्रदय विशाल सागर में उतराते गतिशील जहाज़ के समान है
तो प्रेमी चंचल मन उस खग की भाँति है जिसे उड़ कर पुनः उसी जहाज पर आना है
*
जिंदगी बेहतर हो सकती है
कुछ अच्छा याद रखने व कुछ बुरा भूला जाने से
अश्वत्थामा हतो नरो वा
*
तुम्हारी वाणी से ही प्रथमतः जय पराजय
सुनिश्चित होती है, ' युधिष्ठर ' बनें ' दुर्योधन ' नहीं
दूसरों की जय से पहले
*
आज के युग का ' विजेता ' वही होगा
जिसने ' सहन ', ' समझ ' और ' वाक्य ' शक्ति पर विजय पाई होगी
*
*
स्वर्णिका ज्वेलर्स.निदेशिका.शक्ति तनु.आर्य रजत.सोहसराय.बिहार शरीफ.समर्थित...
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कृष्णरुक्मिणी : जीवन दर्शन : दृश्यम आज : पृष्ठ : १ / २.
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*
टाइम्स मीडिया.शक्ति.प्रस्तुति.
रूक्मिणी डेस्क
विदर्भ : महाराष्ट्र.
*
शक्ति * प्रिया डॉ.सुनीता मधुप.
*
शब्द से ही निर्धारित होगा : महा 'भारत
द्रौपदी : दुर्योधन : इंद्रप्रस्थ : माया प्रसंग
दृश्यम : साभार : अंधे का बेटा अँधा ही
*
बड़ों का अनादर करना भी अपराध ही है, शिशुपाल !
साभार : लघु फिल्म दृश्यम : कृष्ण : शिशुपाल वध.
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मीराकृष्ण : जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ / ३.
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*
प्रथम मीडिया शक्ति प्रस्तुति.
*
-------
मीरा : दर्शन : ड्योढ़ी : पृष्ठ १ / ३ .
---------
*
मीरा डेस्क.
मेवाड़ डेस्क.जयपुर.
प्रादुर्भाव वर्ष : १९८२.
संस्थापना वर्ष : १९८९. महीना : सितम्बर. दिवस : ९.
*
*
मेवाड़ डेस्क.जयपुर.
संपादन.
*
शक्ति जया अनीता सेजल
*
---------
मीराकृष्ण : जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ / ३.
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संपादन.
*
शक्ति जया अनीता सेजल
*
मेरे अपने
*
*
संगत, ' स्वभाव ' और सत्कर्म
*
' संगत ' से ' स्वभाव ' बदलता है
स्वभाव से ' सत्कर्म ' ...जैसे ' सुई ' अकेली चुभती है
लेकिन ' धागे ' के साथ ' कपड़े ' सिलती है
*
शक्ति सेजल : मुंबई.
*
शाश्वत प्रेम
*
प्रेम शाश्वत पाया नहीं
जिया जाता है
*
रिश्ते : नाते : अपने पराए
*
रक्त और रिश्ते गत समबन्ध से परे हट कर
अब प्रेम ,सहयोग, त्याग, विश्वास और मान, सम्मान
व्यवहार, वाणी सम्मत सार्थक समबन्धों का आधार ही
जीवन का यथार्थ है
@ शक्ति डॉ.सुनीता जया अनीता
*
कैसी लागी लगन
*
मन : ' रुक्मिणी ' होना चाहे
ह्रदय : ' राधा ' बनना चाहे
कर्म : से ' मीरा ' बन जाए
*
अपनों के लिए असीम ' सहिष्णुता ' व प्रेम रखो
जैसे ' मीरा ' ने ' राणा ' के लिए
' कृष्ण ' ने ' शिशुपाल ' के लिए रखा था
*
@ शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता मधुप
*
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : सम्पादकीय : त्रि शक्ति : पृष्ठ : २.
------------
*
सम्पादकीय संरक्षण त्रि शक्ति.
*
शक्ति.रश्मि श्रीवास्तवा.भा.पु.से.
शक्ति. अपूर्वा.भा.प्र.से.
शक्ति.साक्षी कुमारी.भा.पु.से.
*
महाशक्ति मिडिया
संयुक्त महाशक्ति सम्पादिका.
शक्ति.प्रिया.शालिनी.रेनू.बीना जोशी.
नैना देवी.नैनीताल डेस्क.
@ हम.४.
*
राधिकाकृष्णरुक्मिणी
सम्पादिका.त्रिशक्ति.
शक्ति.रीता रानी. जमशेदपुर.कवयित्री.लेखिका.
शक्ति. क्षमा कौल.जम्मू. कवयित्री.लेखिका.
शक्ति. प्रीति सहाय. पुणे.कवयित्री.लेखिका.
*
कला सम्पादिका
नैनीताल डेस्क
सम्पादिका.त्रिशक्ति.
*
*
नीति शक्ति सम्पादिका.
मुक्तेश्वर.नैनीताल डेस्क.
शक्ति. प्रतिभा भारती गरिमा.
*
त्रि शक्ति.क़ानूनी संरक्षण
आभार.
*
*
शक्ति.मंजुश्री.मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी.( वर्त्तमान )
शक्ति.अधिवक्ता.सीमा कुमारी.
डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल.
शक्ति.अधिवक्ता.जसिका सिंह.प्रयाग राज.उच्च न्यायलय.
*
विशिष्ठ अतिथि पाठक
शक्ति वंदना सिंह उत्तराखण्ड. भा.प्र.से.
माननीय दीपक रावत : उत्तराखण्ड. भा.प्र.से.
माननीय पंकज भट्ट : उत्तराखण्ड. भा पु से
*
*
प्रधान संयुक्त शक्ति सम्पादिका.
राधिका कृष्ण रुक्मिणी दर्शन
महाशक्ति मीडिया.
*
नैना देवी.नैनीताल डेस्क.
रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाइ
*
प्रकाश पर्व : देव दीपवाली, की मंगल अनंत शिव शक्ति शुभकामनाओं के साथ.
![]() |
| शक्ति.डॉ. रत्नशिला आर्य डॉ.ब्रज भूषण सिन्हा. शिव लोक हॉस्पिटल बिहार शरीफ नालन्दा : समर्थित. |
*
सम्पादकीय : त्रि शक्ति जागरण : साँवरे सलोनी गोरी : गद्य संग्रह आलेख : पृष्ठ : २ / २.
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देवउठनी और तुलसी विवाह : त्रि शक्ति आलेख : पृष्ठ : २ / २ /०
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संपादन
शक्ति रीता क्षमा प्रीति
*
देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह : शक्ति आलेख :
*
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मैं तुलसी तेरे आँगन की : शक्ति : आलेख : २ / २/ ० .
-----------
*
शक्ति.प्रिया मधुप डॉ.सुनीता.
*
देवउठनी एकादशी द्वादशी और तुलसी विवाह : कल देव उठनी एकादशी थी। आज द्वादशी है। एकादशी को श्री हरि अपनी चिर निद्रा से उठे थे । देवउठनी वस्तुतः भगवान विष्णु जी का योग निद्रा से उठना है। और आज कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वादशी है। भगवान शालिग्राम ( श्री हरि ) का विवाह है। उनका और सती पतिव्रता तुलसी के आध्यात्मिक प्रेम विवाह का पवित्र दिवस भी है। कहते हैं न हरि अनंत हरि कथा अनंता।
सच में है भी।
हम तुलसी से भली भांति परिचित हैं। हर सनातनी के घर में है। हमने इसे घर घर में देखा हैं। हमारे घरों में तुलसी पाई जाती है। समस्त भारत में बहुत ही पूज्य है। इसमें चिकित्सीय व औषिधीय गुण समाहित है। हम तुलसी के काढ़े का खूब प्रयोग करते है। इसके संरक्षण के पीछे भी एक रोचक कथा है। आईये समझते है।
कहानी पुरानी : भगवान विष्णु के छल की : जालंधर नामक राक्षस देवताओं के लिए एक बड़ा खतरा था और उसकी पत्नी वृंदा के सतीत्व के कारण उसे कोई नहीं हरा पा रहा था। देवताओं की प्रार्थना पर, विष्णु ने जालंधर के रूप में एकनिष्ठ पतिव्रता वृंदा के पास जाकर छल से उसका तप भंग किया, जिससे जालंधर की शक्ति समाप्त हो गई। तब देवताओं द्वारा जालंधर का वध हो पाया था।
भगवान विष्णु और देवी तुलसी का विवाह : भगवान विष्णु ने वृंदा ( तुलसी ) के त्याग और सच्चे प्रेम का सम्मान करते हुए उन्हें वरदान दिया कि वे तुलसी के रूप में सदैव पूजी जाएंगी और बिना तुलसी के उनकी व किसी की भी कोई भी पूजा पूर्ण नहीं होगी।
कार्तिक शुक्ल द्वादशी को तुलसी और शालिग्राम का यह विवाह होता है, जिसे देवउठनी एकादशी के अगले दिन मनाया जाता है. तुलसी विवाह : शालिग्राम ( भगवान विष्णु ) का विवाह तुलसी के साथ भी किया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
वृंदा भगवान विष्णु की परम भक्त थीं और उन्होंने अपने पति,असुर जलंधर की वजह से उन पर श्राप दिया था। भगवान विष्णु को शापित करने के बाद वह स्वयं सती हो गयी थी।
कहानी पुरानी : वृंदा : असुर जालंधर : और छल : भगवान विष्णु की : विष्णु ने छल से वृंदा के पति जालंधर का रूप धारण किया, जिससे वृंदा की तप और एकनिष्ठता नष्ट हो गयी थी । इस कृत्य से क्रोधित होकर, वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर बनने का श्राप दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और प्रभु श्री हरि शालिग्राम बन गए। वृंदा ने भगवान विष्णु को छल करने और पतिव्रता धर्म को भंग करने के कारण यह श्राप दिया था।
तपस्या भंग : वृंदा की प्रतिक्रिया : एक श्राप : जब वृंदा को पता चला कि उसके सतीत्व के साथ छल हुआ है और उसके पति का वध हो गया है, तो वह क्रोधित हो गई। उसने भगवान विष्णु को भी स्त्री-वियोग सहने और पत्थर बनने का श्राप दिया। और स्वयं गहरे दुख और वेदना से व्याकुल होकर अपने प्राण त्याग दिया। उनके तप, भक्ति और पतिव्रता की शक्ति से धरती पर एक दिव्य पौधा उत्पन्न हुआ। वही पवित्र तुलसी के रूप में जाना गया।
यही कारण है कि त्रेता युग में विष्णु अवतरित राम को वृंदा के श्राप के कारण ही अपनी सीता के वियोग का सामना करना पड़ा था । ज्ञात हो कि सती वृंदा ने क्रोध और दुख में भगवान विष्णु को श्राप दिया था कि वे पत्थर के हो जाएं और पत्नी-वियोग सहें।
पत्थर बनने के बाद : परिणाम : वृंदा का श्राप स्वीकार करते हुए, भगवान विष्णु शालिग्राम पत्थर बन गए। वृंदा ने भी आत्मदाह कर लिया, देवताओं की प्रार्थना पर,वृंदा ने अपना श्राप वापस ले लिया और राख से एक पौधा निकला, जिसे तुलसी नाम दिया।
शालिग्राम और तुलसी का विवाह : भगवान विष्णु ने वृंदा से वादा किया कि वे अगले जन्म में उससे विवाह करेंगे। इस प्रकार, वृंदा तुलसी के रूप में और विष्णु शालिग्राम के रूप में पूजे जाने लगे, और उनका विवाह तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है।
भगवान विष्णु ने बाद में वृंदा को तुलसी के रूप में रहने का वरदान दिया और कहा कि उनकी पूजा तुलसी के बिना अधूरी होगी। तभी से तुलसी और शालिग्राम के विवाह ( तुलसी विवाह ) की परंपरा शुरू हुई।
आखिर कौन है ये शालिग्राम ? शालिग्राम भगवान विष्णु का एक निराकार और विग्रह रूप है, जो नेपाल की काली गंडकी नदी से प्राप्त एक पवित्र पत्थर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह भगवान विष्णु का ही एक रूप है, जिन्हें तुलसी के श्राप के कारण हृदयहीन शिला का रूप धारण करना पड़ा था।
उत्पत्ति और नाम : शालिग्राम को नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पाया जाता है, और जिस स्थान पर भगवान विष्णु का मंदिर है, उसी के नाम पर इसका नाम ' शालिग्राम ' पड़ा।
भगवान विष्णु का रूप : इन्हें भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है, ठीक वैसे ही जैसे शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार रूप माना जाता है।
पवित्रता : माना जाता है कि जिस घर में शालिग्राम होता है, वहां वास्तु दोष नहीं होता, और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
उत्पत्ति और नाम : शालिग्राम को नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पाया जाता है, और जिस स्थान पर भगवान विष्णु का मंदिर है, उसी के नाम पर इसका नाम ' शालिग्राम ' पड़ा।
भगवान विष्णु का रूप : इन्हें भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है, ठीक वैसे ही जैसे शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार रूप माना जाता है।
पवित्रता : माना जाता है कि जिस घर में शालिग्राम होता है, वहां वास्तु दोष नहीं होता, और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
विविध रूप : शालिग्राम के कई प्रकार होते हैं लगभग ३३ प्रकार, जो उनके आकार, रंग और चिन्हों के आधार पर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों से संबंधित होते हैं।
पूजा : शालिग्राम की पूजा के कई लाभ बताए गए हैं, जैसे कि रोग और संताप का नाश होना और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होना।
देवउठनी एकादशी व्रत : ज्योतिष में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह को खास मौका माना गया है. इस दिन व्रत रखने और तुलसी विवाह से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
पूजा : शालिग्राम की पूजा के कई लाभ बताए गए हैं, जैसे कि रोग और संताप का नाश होना और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होना।
देवउठनी एकादशी व्रत : ज्योतिष में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह को खास मौका माना गया है. इस दिन व्रत रखने और तुलसी विवाह से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
हालांकि, इस बार एकादशी और तुलसी पूजन के समय और तारीख को लेकर संशय की स्थिति है.
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का विशेष महत्त्व है.
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का विशेष महत्त्व है.
इस दिन सभी व्रत रखते हैं और तुलसी विवाह करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. जीवन में हर समस्या दूर होती है.हालांकि, इस बार एकादशी और तुलसी पूजन के समय और तारीख को लेकर संशय की स्थिति है.बहुत से लोगों के मन में शंका है कि एकादशी और तुलसी विवाह कब होता है. हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी श्री हरि विष्णु योग निद्रा से जागते हैं. इसी दिन गौधुली बेला में तुलसी का विवाह होता है, जो शालिग्राम से होता है.
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संपादन : शक्ति.शालिनी प्रिया माधवी.
स्तंभ सज्जा :शक्ति.मंजिता सीमा अनुभूति
दार्जलिंग / शिमला डेस्क.
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बच्चें थे तो अच्छे थे : तारे जमीन पर : शक्ति : आलेख : २ / २/ १ .
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बच्चें थे तो अच्छे थे : तारे जमीन पर
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बाल दिवस : शक्ति सम्पादकीय आलेख
शक्ति प्रिया रेनू डॉ.सुनीता
जयपुर डेस्क
बाल दिवस : GIF
बचपन : शारीरिक : मानसिक विकास की अवस्था : बचपन सब के लिए प्यारा। क्योंकि बच्चें मन के सच्चें हैं । कोशिश हमें भी उनकी तरह होने का करते रहना चाहिए। प्रिय बच्चों बचपन मुस्कुराता रहे। अपने अंदर के बच्चे को हमेशा जिंदा रखिए। आपको देखती हूँ तो सदैव लगता है तारे जमीन पर उतर आए हैं।
बचपन की मुख्य विशेषताओं में शारीरिक विकास तेजी से विकास, मांसपेशियों और हड्डियों का निर्माण , के साथ साथ मानसिक विकास सोच, स्मृति और भाषा कौशल में सुधार,भावनात्मक विकास भावनाओं को समझना और नियंत्रित करना, और सामाजिक विकास साथियों के साथ घुलना-मिलना और सामाजिक नियमों को सीखना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चों में जिज्ञासा और सीखने की प्रबल इच्छा होती है और वे खेलने में बहुत रुचि लेते हैं। हमें भी सीखने की प्रवृति का त्याग कभी नहीं करना चाहिए।
झगड़ा जिस के साथ करें अगले ही पल फिर बात करें : जनाब साहिर लुधियानवी बच्चों के लिए फरमाते हैं बच्चें ख़ुद रूठें ख़ुद मन जाएँ फिर हम-जोली बन जाएँ. झगड़ा जिस के साथ करें अगले ही पल फिर बात करें. इन को किसी से बैर · नहीं होता है। इंसाँ जब तक बच्चा है तब तक समझो सच्चा है. जूँ-जूँ उस की उम्र बढ़े मन पर झूठ का परदा है। कुछ तो इन बच्चों से सीखें
बचपन हर गम से बेगाना : बचपन आज भी जिंदादिली से जीने की राह बताता है। आप सभी को हम सभी की ओर से बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! बच्चें आप सभी दिल के उतने ही करीब होते हैं जितना कोई अपना किसी के लिए होता है। इन सालों में मैंने सिर्फ नहीं पढ़ा ही , बल्कि आपके साथ सीखा,हँसा और हर पल आपको बढ़ते हुए देखा है।
शिशुओं का विहार सब के लिए एक घर उपवन की तरह है, और आप सभी राष्ट्र आँगन के वो अनमोल फूल हो,जिनकी खुशबू से ये आँगन,समाज और राष्ट्र महकता है।
बाल दिवस पर अपनी तरफ से बस एक संदेश देना चाहती हूँ अपने सपनों को ऊंचा उड़ान दो, कभी हार मत मानो और हमेशा अपने हृदय में मानवीय संवेदनाओं को सजीव रखो। किताबें,पाठ्यक्रम, सब जरूरी हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है एक अच्छा इंसान बनना,जो अपनी संस्कृति,अपने परिवार और अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्यशील हो।
आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी अनगिनत शुभकामनाएं और अपना अपार स्नेह। हमेशा याद रखो, हम सभी अपने बचपन पर गर्व करती हैं और हमेशा गर्व करती रहेंगी आपके साथ हैं । हँसते रहें , मुस्कुराते रहें बाल दिवस की अनंत शिव शक्ति हार्दिक शुभकामना
संपादन :शक्ति वनिता नीलम स्मिता
सज्जा : शक्ति वाणी सीमा अनिता
बच्चें थे तो अच्छे थे : तारे जमीन पर
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प्रस्तुति सम्पादिका शक्ति
हम शक्ति बहनें
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शक्ति आलेख : राम को समझो कृष्ण को जानो : २ / २/ २ .
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स्तंभ संपादन
शक्ति शालिनी रेनू बीना जोशी
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राम को समझो कृष्ण को जानो :
हम और हमारे भाव: नियति,स्व और पर का बोध
आलेख : शक्ति आरती. आर्य अरुण.
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सेवा निवृत राज्य पत्रित अधिकारी. बिहार - झारखण्ड
लेखक कवि विचारक.
*
; शॉर्ट रील ; साभार : कथा है ये स्वार्थ की परमार्थ की
नियति या प्रारब्ध : सबके लिए : श्री लक्ष्मी नारायण हो , राम या कृष्ण : नियति या प्रारब्ध से आजतक कोई नहीं बचा है,राम,कृष्ण, भीष्म,कर्ण,बुद्ध,जीसस,आदि अनेकानेक हैं और सबकों अपने अपने प्रारब्ध को झेलना पड़ा था,इस चक्र को समझना ही संसार को समझना है।
वैसे आधुनिक विज्ञान इसे नहीं स्वीकार करता है पर इस सूक्ष्म सत्ता का जब भौतिक प्रत्यक्षीकरण होता है तो वह इसका अवलोकन तो करता है पर वह मौन हो जाता है, कोई टिप्पणी नहीं दे पाता है पर यह इस संसार का प्रकट सत्य है, स्वयं सिद्ध है। संसार के तीन पक्ष हैं यथा,स्थूल,सूक्ष्म और कारणिक और यही तीन स्वरूप हमारे शरीर और चेतना के भी होते हैं जो दिखते तो हैं पर सहजता से लोग समझ नहीं पाते हैं।
हमारा जीवन सदैव दो पक्षों यथा,नियतिवाद और यदृच्छावाद से नियमित और नियंत्रित होता है जिस
पर हजारों वर्षों से परिचर्चाएं चलती रही हैं और चलती रहेंगी पर उल्लेखनीय है कि यदृच्छावाद भी अन्त में नियतिवाद में ही रूपांतरित हो जाती है।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम बारह कलाओं से युक्त , राम, जिन्हें बारह कलाओं या महापरिमीतताओं से युक्त बताया जाता है, चौदह वर्षों का वनवास ये अलग बात है कि उस वनवास के महती उद्देश्य थे झेलना पड़ा और अन्त में सरयू में जल समाधि लेकर देहत्याग करना पड़ा था।
श्रीकृष्ण : सोलह कलाएं : नारायण के पूर्ण अवतार : कृष्ण सोलह कलाओं से युक्त नारायण के पूर्ण अवतार माने जाते हैं, जीवन भर संघर्ष ही करते रहे और अन्त में जरा नामक व्याध के हाथों देहत्याग करने की नियति को को झेलना पड़ा, भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था पर उन्हें भी इसी प्रारब्ध को भोगने के लिए कई दिनों तक शर शैय्या पर भयानक पीड़ाओं को झेलते हुए पड़ा रहना पड़ा था,सिद्धार्थ को शूकरमार्दव खाकर मर्मान्तक पीड़ा झेलते हुए महापरिनिर्वाण को प्राप्त होना पड़ा,
ईशा. रामकृष्ण, महर्षि रमण : जीसस को सलिब पर चढ़ाकर, कीलों से ठोक दिया गया और उन्हें भी दुखद और दर्दनाक मृत्यु का सामना करना पड़ा था, ठाकुर रामकृष्ण, महर्षि रमण आदि को भी अपने अपने प्रारब्ध झेलने पड़े था फिर भी हम इस सत्य को देखकर,जान समझकर भी अनजान बनते हुए अहंकार और मिथ्याभिमान में डूबे रहते हैं और जब इस कड़वे सच का सामना करना पड़ता है तब उस समय निरूत्तर हो जाते हैं।
हमें आलोचक से बेहतर समालोचक और समालोचक से बेहतर आत्मालोचक होने या बनने की जरूरत है ताकि हम सारे आग्रहों, पूर्वाग्रहों और दूराग्रहों से मुक्त होकर तथ्य और सत्य का आकलन, विश्लेषण और मूल्यांकन कर सकें।
आत्मालाप आत्मदर्शन आवश्यक : एक आत्मालोचक ही सही निर्णय ले सकने में सक्षम हो सकता है कि आत्मालोचक स्वयं से संवाद करता है और जो स्वयं से संवाद स्थापित करता है वही सार्थक वाद संवाद भी कर सकता है।
हम वार्तालाप तो करते हैं पर आत्मालाप नहीं करते हैं,हम परदर्शन तो करते हैं पर आत्मदर्शन नहीं करते हैं, आलोचना समालोचना तो करते हैं पर आत्मालोचना नहीं करते हैं और जिस पल क्षण से हम पर से स्व या आत्म पर आना शुरू कर देंगे,वह क्षण हमें सारे आक्रोश और आग्रहों से मुक्त कर देगा।
हमें उनसे नहीं डरना चाहिए जो पेड़ पौधों,जीव जंतुओं और पेड़ पौधों से प्रेम करते हैं कि वे अपेक्षाकृत ज्यादा सहज,संवेदनशील और न्यायप्रिय होते हैं। जब एक व्यक्ति इन गुणों को धारण करता है और उन भावों को जीता है तो
सत्ता,शक्ति और समय सदैव अनुकूल नहीं रहते हैं : आत्म प्रतिविम्ब के भावों को जीने लगता है और समावेशी और समरसी हो जाता है। सत्ता,शक्ति और समय सदैव अनुकूल नहीं रहते हैं इसलिए इतिहास को सदैव सम्मुख रखकर चलना चाहिए ताकि हमें हमारे अस्तित्व और अस्थायीपन का बोध होता रहे और यही बोध हमें सदैव निरहंकारी बनाए रखता है और जो इतिहास का अवलोकन नहीं करते,
कभी नियति या प्रारब्ध को नहीं समझ सकते हैं और प्रारब्ध की पीड़ाओं को झेलना* भीष्म की नियति बनकर रह जाती है।
*
पृष्ठ सज्जा : शक्ति स्वाति सीमा अनुभूति
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शक्ति आलेख : राम को समझो कृष्ण को जानो : २ / २/ २ .
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*
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ए एंड एम मीडिया अधिकृत
*
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सम्पादकीय : त्रि शक्ति जागरण : साँवरे सलोनी गोरी : पद्य संग्रह : आलेख : पृष्ठ : २ / ३.
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संपादन
शक्ति. डॉ.अनीता सीमा तनु सर्वाधिकारी .
*
श्री राधिका कृष्ण भक्ति
भाविकाएँ
*
प्रेम गीत मैं लिखती-गाती.
![]() |
* अब मैं नाचो बहुत गोपाल :राधिका :फोटो:साभार. |
*
नैनन प्यास बुझाओ श्याम। टेर
तुम तो बसे प्रभु गोलोक में, राधा के घनश्याम।
वृंदावन, मथुरा भई सूनी, सूना द्वारिका धाम।
आवाहन कर पूजन करती, लेती तिहारो नाम।
भक्ति-भजन में लीन हुई मैं, छोड़के सारे काम।
प्रेम गीत मैं लिखती-गाती, देखूं ना सुबहो-शाम।
*
शक्ति. शालिनी
प्रधान संयुक्त सम्पादिका
महाशक्ति मीडिया.
*
पृष्ठ सज्जा : शक्ति* प्रिया अनुभूति
*
तमसो मा ज्योतिर्गमय : प्रकाश पर्व विशेष
भाविकाएँ
*
युद्ध हो तो धर्मार्थ हो
कृष्ण : रथ : पहिया भीष्म : फोटो
युद्ध और संघर्षों की गाथा
अनन्त है
युद्ध ही गाथा लिखते हैं
इतिहास रचते हैं
विनाश के गर्भ में न्याय
धर्म अधिकार और शान्ति
की रचना करते हैं
जब जब अनर्थ अन्याय अधर्म अनाचार
अपने चरम पर पहुँचता है तो
युद्ध का शंखनाद होता है
हाँ
पर ध्यान रहे कि युद्ध हो पर परमार्थिक हो
न्यायार्थ हो धर्मार्थ हो
सत्य के रक्षार्थ हो
जानकी के रक्षार्थ हो
पांचाली के पत के रक्षार्थ हो
पाण्डवों के अधिकारार्थ हो
दीन हीन वंचित पीड़ितों के
सम्मानार्थ हो
राष्ट्र धर्म के रक्षार्थ हो
सभ्यता संस्कृति के मान सम्मान के लिए हो
यह भी सत्य है कि जब जब युद्ध हुए हैं
धन जन संपदा का विनाश हुआ है
मानवता कराही है
बच्चे अनाथ हुए हैं
लोग आश्रयहीन हुए हैं
धरती प्रदूषित हुयी है
और आकाश कम्पयमान
हुआ है
जतन करो कि युद्ध न हो
पारस्परिक संवाद हो
सह अस्तित्व की बात हो
परन्तु स्मरण रहे कि
जब सारे मार्ग समाधान के
बन्द हो जाएँ तो
युद्ध ही अंतिम विकल्प है।
*
लघु कविता
अरुण आरती
झारखण्ड
*
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
*
ओ पथिक !
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
*
*
ओ पथिक !
पथहीन क्यों हो गए हो इतने कि,
स्वयं का परिचय ही
विस्मृत कर दिया ?
क्षण भर थमो, अविरल !
किस तलाश में हो ?
जीवन-सरिता की इस शांत लहर को,
अपने करुणा-कोमल उर में, उतरने दो।
ओ पथिक !
सुन तो,
निश्चल मन की यात्रा में,
अंतःकरण से साहस कर ।
ये व्याकुलताएँ ही तो,
शांत पथ की बाधा बनी हैं।
इस क्रूर धरा पर, क्या लाभ,
क्या क्षति हुई तुम्हें ?
विशाल हैं तुम्हारी कल्पना का आकाश,
जिसमें तुम रचते हो अपना स्वप्नलोक,
नश्वर देह भले मिट जाए,
' परन्तु, कला के रूप में, तुम अमर हो जाओगे।
*
युग पुरुष कविवर ' सूर्य'
संपादक, विचारक.
उत्तर प्रदेश.
*
दीया और बाती.
दीया - बाती और अंधेरे का ये कैसा नाता है,
एक जब जलता है तो दूसरा गुम हो जाता है।
सदियों से,दरवाज़े पर एकटक,
अंधेरे घर में बैठा दीया,
उस व्यक्ति को खोजता है,
आकर पास जो जला दे फिर से उसे,
और रौशन कर दे दीया, अंधेरे घर को।
स्नेह के तेल में डूबी बाती रात भर,
ख़ुद को ही तिल-तिल जलाती,
अंधेरे को समझाती है।
दूसरे को रौशन करने की खुशी ,
इतनी बड़ी होती है जिसके आगे,
जी उठता है दीया,
ख़ुद की हस्ती मिटा के भी।
शक्ति. नीलम पांडेय
वाराणसी.
कवयित्री लेखिका सम्पादिका
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : आज का गीत : जीवन संगीत :भजन : पृष्ठ : ३.
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संपादन
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शक्ति. प्रिया शालिनी अनुभूति.
*
आध्यात्मिक व अनंत प्रेम जीवन संगीत
*
*
*
रुक्मिणी राधा स्वरूपा : ओम महालक्ष्मी नमो नमः
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आभार : शक्ति वर्षा : आगरा : भजन :
*
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अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
*
*
शॉर्ट रील : है कृष्ण अधूरे राधा बिन राधा बिन सूना सब कुछ ही
*
*
शक्ति वर्षा.आगरा.
शॉर्ट रील : कृष्णाय वासुदेवाय : हरये परमात्मने:
प्रणतः क्लेशनाशाय : गोविन्दाय नमो नमः
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फ़िल्म : सत्यम शिवम् सुंदरम.१९७८
सितारे : शशि कपूर.जीनत अमान.
संगीत : पिया कौन गली गए श्याम ?
रंग महल के दस दरबाजें
न जाने कौन सी खिड़की खुली थी
सैया निकस गए मैं न लड़ी थी
गीत: विट्ठल भाई पटेल. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारेलाल. गायिका : लता भूपेंद्र.
संगीत : सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
*
देव दीपावली : की अनंत शिव शक्ति शुभकामनाओं के साथ
*
![]() |
बिहार दर्शन : बिहार राज्य पथ परिवहन निगम :सुरक्षित गमन : समर्थित. |
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कोलाज दीर्घा : पृष्ठ :४.
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संपादन.
शक्ति.जया भारती प्रीति सहाय.
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५.
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इंद्रप्रस्थ डेस्क
संपादन.
शक्ति. दीप्ति स्वाति जवा.
केदार दर्शन. नैनीताल प्रस्तुति.
दिन विशेष : आज का पंचांग राशि फल : पृष्ठ : ६.
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*
केदार दर्शन.
शक्ति दया जोशी नैनीताल प्रस्तुति.
विक्रम संवत : २०८२ शक संवत : १९४७.
२५ .११ .२५.
मार्गशीर्ष : शुक्लपक्ष : पंचमी
दिन. मंगल वार.
महा शक्ति दिवस. मूलांक: ७ .
*
कुमाऊनी दैनिक पंचांग / का राशिफल देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.
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* ------- राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ७. --------- शक्ति.सोनी जवा जया सोलंकी . पदमावत डेस्क.जयपुर * |
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लीवर. पेट. आंत. रोग विशेषज्ञ.
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी :समसामयिकी. समाचार : दृश्यम पृष्ठ : ८.
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संपादन
शक्ति. माधवी स्मिता रितु.
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी :समसामयिकी. दृश्यम : पृष्ठ : ८.
*
शक्ति रितु अनुभाग
*
शॉर्ट रील : दृश्यम : जनकपुर : नेपाल : शक्ति रितु
श्री हरि : राम सिया की विवाह पंचमी
*
*
श्री हरि : राम सिया की यही है कहानी
शॉर्ट रील : दृश्यम : जनकपुर : नेपाल : शक्ति रितु
*
*
आर्य : सुनील व्यास.
फिल्म निर्माता : अभिनेता लेखक : विचारक
मसूरी. मुंबई.
*
राधिका कृष्ण :दृश्यम : शॉर्ट रील : धारावाहिक :
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कृष्ण : कर्म और उद्देश्य
*
राधिका कृष्ण :दृश्यम : शॉर्ट रील : धारावाहिक :९
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*
द्रौपदी का चीर हरण
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राधिका कृष्ण :दृश्यम :शॉर्ट रील : धारावाहिक :१० .
फिल्म निर्माता : आर्य. सुनील व्यास. मसूरी. मुंबई.
कृष्ण : दृश्यम :शॉर्ट रील : धारावाहिक :११ .
मर्यादा : धर्म युद्ध : राजनीति ,कूटनीति, रणनीति.
*
*
हम देवशक्ति मीडिया परिवार
की तरफ़ से
देव दीपावली.
कार्तिक मास तिथि शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, तथा प्रकाश पर्व ' गुरु नानक जयंती '
की अनंत शिव शक्ति शुभकामनायें
*शालिग्राम ( श्री हरि ) वृंदा ( तुलसी ) की आध्यात्मिक शादी
पवित्र विवाह की अनंत शिव शक्ति शुभकामनायें
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अनंत, शिव शक्ति शुभकामनाएं
आभार के साथ.

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समसामयिकी. समाचार : पृष्ठ : ८.
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*
भाग्य में नहीं
अपनी शक्ति में विश्वास रखो
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शक्ति समूह ने मनाया
२६ नवम्बर. संविधान दिवस
*
भाविकाएँ
*
ये तो मेरा संविधान है
१३ दिसम्बर १९४६ ,
बनी एक प्रस्तावना।
२२ जनवरी १९४७,
स्वीकृत हुई संभावना।
२६ नवम्बर १९४९ ,
संविधान का हुआ गठन।
२६ जनवरी १९५० ,
लागू हुआ ये प्रति जन-जन।
भारत माता की धरती पर,
दिया गया सम्मान है।
ये मेरा अभिमान,
ये तो मेरा संविधान है।।१।।
लोकतंत्र, गणतंत्र हमारा,
उद्देशिका का मंत्र है।
भारत माँ को मिली आजादी,
देश हुआ स्वतंत्र है।
सम्पन्नता की रीति है,
न्याय की ये नीति है।
कानून के प्रतिपालन से,
टूटे सब कुरीति है।
एकता, अखण्डता,
निरपेक्षता का मान है।
ये मेरा अभिमान,
ये तो मेरा संविधान है।।२ ।।
कर्तव्य और अधिकार है,
विचारों का अंबार है।
भीमराव अम्बेडकर की,
रचना ये तैयार है।
महिमामंडन मैं करूँ,
किंचित कोई न खेद है।
३९५ से ४७०,
बढ़कर हुआ अनुच्छेद है।
स्वराज भी इसी से है,
इसी से वतन महान है।
ये मेरा अभिमान,
ये तो मेरा संविधान है।।३ ।।
८ बनी अनुसूचियाँ,
बने थे २२ भाग जहाँ।
१२ हुई अनुसूचियाँ,
हुए २५ये भाग यहाँ।
स्वतंत्रता की मील है,
कानून की दलील है।
सभी गुनाह व भ्रष्टाचार
पर लगती ये कील है।
गीता, गुरुग्रंथ, बाइबिल
और यही कुरान है।
ये मेरा अभिमान,
ये तो मेरा संविधान है।।४ ।।
सामाजिक, आर्थिक,
राजनैतिक न्याय है।
अभिव्यक्ति, विश्वास,
धर्म का उपाय है।
राष्ट्र की एकता,
अखण्डता का मंत्र है।
सारा देश पूजता,
कानून का ये ग्रंथ है।
ये हमारी आस्था,
स्वतंत्रता का गान है।
ये मेरा अभिमान,
ये तो मेरा संविधान है।।५ ।।
पंथ निरपेक्ष है,
समाजवाद विशेष है।
जन-जन को मिली सुरक्षा,
कुछ भी न शेष है।
न्याय, सम्प्रभुता और
समानता अधिकार है।
असहाय, कमजोर का भी,
ये बना हथियार है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी
सब पर ही हक समान है।
ये मेरा अभिमान, ये तो मेरा संविधान है।।६ ।।
*
स्वरचित व मौलिक
शक्ति * शालिनी रेनू अनुभूति
संयुक्त महाशक्ति सम्पादिका
कवयित्री लेखिका
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पृष्ठ सज्जा : शक्ति सीमा फरहीन प्रेरणा
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कार्टून : कोना :आजकल : मधुप : चुनाव क्षेत्रे
याद कीजिये श्रीमान !
कभी ये लोग कुछ आपसे मांगने आए थे
तब आपने इन्हें भगा दिया था......
आज आप वोट मांगने आए .....
तो इन्होंने आपको खदेड़ दिया
*
१९ नवम्बर
झाँसी की रानी लक्ष्मी * बाई जयंती
अवतरित शक्ति को कोटिशः प्रणाम
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नवम्बर माह का दूसरा गुरुवार : विश्व उपयोगिता दिवस
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राष्ट्रीय गीत ' बंदे मातरम ' की १५० वी वर्षगांठ
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बांग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा ७ नवम्बर १८७५ को लिखित देश के राष्ट्रीय गीत ' बंदे मातरम ' की रचना के १५० वे वर्ष पूरे. देश प्रेम , मातृ भूमि के लिए प्रेम स्मृति विशेष रखें.....
*
संदर्भित गाना
वन्दे मातरम.
फिल्म : वन्दे मातरम. १९५२.
गाना : वन्दे मातरम.
सितारे : पृथ्वी राज कपूर. गीता बाली. भारत भूषण.
गीत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय. संगीत : हेमंत. गायक : हेमंत लता.
गाना सुनने व देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं
@ शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता मधुप
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हरिद्वार : काशी: शक्ति नैना की नगरी में मनाई गयी देव दीपावली
नैनीताल में तो हर दिन दिवाली है :शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता बीना जोशी.
सह लेखन शक्ति हिमानी भारती निवेदिता.
हरिद्वार : काशी: नैनीताल : कल देव दिवाली थी। देव शक्तियों ने दिए जलाए। शक्ति लेखिका भारती व सम्पादिका बीना जोशी कहती है लोगों ने पूर्ण श्रद्धा के साथ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अनंत शिव शक्तियों की भाव स्मृति वश सरोवर नगरी में असंख्य दिए जलाए।
कहती है जब भी हम ठंडी सड़क, अयारपाटा से गुजरते है पहाड़ी के उपरी सिरे से शहर के जलते बल्ब हर शाम देव दीपावली का ही दृश्य प्रस्तुत कर देते हैं। नैनीताल के साथ ही साथ काशी हरिद्वार भी मुझे स्मृत हैं अपनी आध्यात्मिक शक्ति नैना देवी की नगरी नैनीताल में हमने हर शाम देव दीपावली देखी है।
वैसे तो धर्मनगरी हरिद्वार ,काशी में हरदिन दिवाली होती है। हमें याद है बुधवार को देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई। काशी के अस्सी घाटों का दृश्य ही अनुपम था। समस्त देव शक्तियॉं काशी की घाटों में अवतरित हो गए थे।
उधर हरिद्वार की शोभा भी दर्शनीय थी। शक्ति सम्पादिका हिमानी गवाह रही देहरादून, मसूरी,हरिद्वार हरकी पैड़ी समेत शहर के तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने दीपदान किया। गंगा सभा द्वारा हजारों दीप जलाए गए, जिससे पूरा क्षेत्र दिव्य रोशनी से नहा उठा। हरिद्वार में मनाई गई देव दीपावली के साक्षी लाखों दीपों से सजे घाट रहें , जिस संध्या गंगा आरती सह देव दीपावली में देश-विदेश से पहुंचे भक्त गंगा आरती में शामिल हुए।
सज्जा व संपादन : शक्ति शालिनी रेनु अनुभूति
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गीता शोध संस्थान,वृन्दावन में श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर २०२५ आयोजित.
शक्ति.मंजिता डॉ.सुनीता मधुप.
वृन्दावन : उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तत्वावधान में गीता शोध संस्थान रास लीला अकादमी, वृन्दावन में १ से ३ नवंबर तक श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर २०२५ आयोजित किया गया
जिसमें देश के लब्ध प्रतिष्ठ कलाकारों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
मेरी बनाई गयी एक तस्वीर बालक कृष्ण और उनकी माता यशोदा को दर्शाता है, जो उनके बीच दिव्य मातृ प्रेम को दर्शाता है। यह चित्र हिमाचल के कांगड़ा लघु शैली में निर्मित है।
इस चित्र का शीर्षक " आनंद की प्रत्याशा" है और यह पारंपरिक भारतीय कला और पौराणिक कथाओं से प्रेरित है। मेरे इस कार्य की अन्य लोगों से अत्यंत सहारना प्राप्त हुई l
समापन अवसर पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सूरज पटेल ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया तथा घोषणा की कि शिविर की उत्कृष्ट पेंटिंग्स को भारत सरकार के डाक विभाग में प्रदर्शित किया जाएगा।
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मुझे भी कुछ कहना है : गीता ज्ञान : शुभ कामनाएं आभार : पृष्ठ : ९.
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संपादन
पाटलिपुत्र डेस्क.
त्रि शक्ति. डॉ.भावना अंशिमा फ़रहीन.
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मुझे भी कुछ कहना है : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ : ९ / १
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संपादन
शक्ति शालिनी प्रीति क्षमा
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' मोह ', ' घृणा ' और ' सच '
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' मोह ' ' घृणा ' और ' सच '
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' मोह ' और ' घृणा ' की अवस्था से परे
' स्वयं ' की आँखों से देखी, ' कानों ' से सुनी
गहन ' सूझ बूझ ' का प्रयोग, स्थापित ' आधे अधूरे ' सच का ' शोध ' ही
ही आपको किसी ' निष्कर्ष ' तक़ ले जाता है
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शब्द : चित्र : दृश्यम : अभ्युत्थानमधर्मस्य : पृष्ठ : ९ / १
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कृष्ण : कर्म : कूटनीति
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कृष्ण बांसुरी बजाते हुए : GIF
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दृश्यम ; श्रीकृष्ण : भीम : मगध : जरासंध : वध
आभार के साथ.
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मगरमच्छ : मगरमच्छ की पत्नी : बंदर का दिल
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शब्द चित्र : मधुप
कथा याद रखिए
बन्दर की नेकदिली : घड़ियाली आंसू भी मत भूले
जीवन के भवसागर में हरि ( श्री कृष्ण ) को पूतना , कालिया नाग , काल यवन, शिशुपाल ,पौंड्रक
जैसी बाधाएं भी मिलेंगी ...हरि दर्शन में ही
तब कष्टों का निवारण है
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हरि दर्शन : शोध विचार
गोविन्द जी @ अनुभूति डॉ. मधुप
©️®️M.S.Media.
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अविनाशी , अंतर्यामी, सर्वज्ञानी श्री लक्ष्मी नारायण : कृष्ण मात्र पार्थ के सारथी थे
महाभारत के समस्त पात्रों की ' नीयत ' और ' नियति ' का उन्हें ' ज्ञान ' भी था
तथापि शांति के अथक प्रयासों के बाद ही उन्होंने उनकी सोच ,उनके ' आचार ', व्यवहार और कर्म ,
अपनी सहन ' समझ ' शक्ति के अनुसार ही फल निर्धारित किए
*
गोविन्द जी @ डॉ.सुनीता मधुप.
*
अथ श्री महाभारत कथा : शॉर्ट रील : साभार : पृष्ठ : ९ / १
कथा है ये ' स्वार्थ ' की परमार्थ की
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प्रस्तुति.गोविन्द जी @ डॉ.सुनीता मधुप.
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शब्द और महाभारत
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महाभारत भी अपनों में ही हुआ
शब्दों से ही प्रारंभ हुआ
दुर्योधन को लेकर द्रौपदी की व्यंग्यात्मक टिप्पणी , ' अंधे का बेटा अँधा..
माधव के लिए शिशुपाल की अमर्यादित टिप्पणी
अहंकारी दुर्योधन का राज सभा में कृष्ण को बंदी बना लेने का असफ़ल प्रयास,
' इस ग्वाले को बंदी बना लो....
सीख लीजिए सार्वजनिक रूप में अपनों के विरुद्ध बोलते हुए
शब्दों की मर्यादा पर अतीव ध्यान दें
*
शोध
गोविन्द जी @ डॉ.सुनीता मधुप.
*
जीवन एक रंगमंच है, क्षेत्र कुरुक्षेत्र है, कहानी है महाभारत की
हमारे किरदार भी हमारे समीप ही है
भीष्म : धृतराष्ट्र : पाण्डु : संजय
कंस : जरासंध : कीचक : शकुनि
कृष्ण : बलराम : कृष्णा ( द्रौपदी ) कर्ण
गांधारी : कुंती : सुभद्रा
युधिष्ठिर : अर्जुन : भीम :
द्रोण : कृपाचार्य : विदुर
दुर्योधन : दुःशासन : शिशुपाल ...पौंड्रक
कंस : जरासंध : कीचक : शकुनि
कृष्ण : बलराम : कृष्णा ( द्रौपदी ) कर्ण
गांधारी : कुंती : सुभद्रा
युधिष्ठिर : अर्जुन : भीम :
द्रोण : कृपाचार्य : विदुर
दुर्योधन : दुःशासन : शिशुपाल ...पौंड्रक
हम स्वयं ही अपने भीतर के ' आचार ', ' व्यवहार ' और ' संस्कार ' से सुनिश्चित करें कि
हम किस भूमिका के लिए योग्य पात्र है
*
गोविन्द जी.©️®️ डॉ.सुनीता मधुप.
*
मध्यम मार्ग.
*
मध्यम मार्ग, ही जीवन का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है, प्रिय !
जिसे अष्टांगिक मार्ग भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के अनुसार एक संतुलित और संयमित जीवन जीने का मार्ग है। यह अत्यधिक भोग-विलास : आत्म-संतुष्टि और अत्यधिक कठोर तपस्या : आत्म-पीड़ा दोनों के चरम से बचने पर जोर देता है। यह मार्ग मन और शरीर को संतुलित रखकर, जीवन के सुखों का आनंद लेने और चुनौतियों का सहजता से सामना करने में मदद करता है
*
रणछोड़ श्रीकृष्ण
*
जब काल ' यवन ' पीछे पड़ जाए तो ' रणभूमि ' छोड़ देना ही ' श्रेष्यकर ' है
इसमें ही ' बुद्धिमानी ' है.....' परिणाम ' क्या हुआ ..यह भी आपको ' ज्ञात ' ही है
*
शक्ति.प्रिया डॉ.सुनीता मधुप.
*
शक्ति.नेहा.आर्य.अतुल.मुन्नालाल महेश लाल आर्य एंड संस ज्वेलर्स.रांची रोड.बिहार शरीफ.समर्थित.
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ये है गीता का ज्ञान : पृष्ठ : ९ / २.
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कथा है ये स्वार्थ की परमार्थ की
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*
संपादन
शक्ति डॉ.सुनीता.सीमा.डॉ.आर के दुबे.
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सज्जा
गोविन्द जी शक्ति कामिनी.दीप्ती
* महाशक्ति मीडिया प्रस्तुति ये है गीता का ज्ञान. * अध्याय ४ , श्लोक ४० "अज्ञश्चाश्रद्दधानश्च संशयात्मा विनश्यति । नायं लोकोऽस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः॥" * भावार्थ शंका : स्वभाव : सुख * इस श्लोक का अर्थ है कि जो ' अज्ञानी ', ' अविश्वासी ' ' श्रद्धा ' रहित और ' शंकाओं ' से भरा हुआ है, वह व्यक्ति नष्ट हो जाता है और ऐसे संशयी स्वभाव वाले के लिए न तो यह लोक है, न परलोक और न ही सुख है. |
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शुभकामनाएं : आपने कहा : पृष्ठ : ९ / ३ .
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शक्ति.अवतरण दिवस
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८.नवम्बर २०२५
कला शक्ति सम्पादिका
नव शक्ति. शिमला डेस्क.
शक्ति अनुभूति.शिमला के अवतरण दिवस : उनके जन्म दिवस की
अनंत, शिव, शक्ति हार्दिक प्रेम पूर्ण शुभकामनायें
*
व सप्रेम भेंट
खिलता हुआ गुलाब
@ शक्ति * प्रिया डॉ.सुनीता मधुप
सहित हम देव शक्ति मीडिया परिवार
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: आभार : पृष्ठ : ९ / ३
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संपादन
शक्ति. प्रियांशी स्मिता वनिता.
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम. |
*
संरक्षण शक्ति.के निमित
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*
माननीय.सतीश कुमार सिन्हा.
कर्नल.सेवा निवृत. हैदराबाद.
माननीय.आलोक सहाय.
विंगकमांडर.सेवा निवृत. युद्ध विश्लेषक. वर्तमान. पुणे.
माननीय.आलोक कुमार.
कारगिल योद्धा.लेफ्टिनेट कर्नल.सेवा निवृत. मुंबई.
*
माननीय चिरंजीव नाथ सिन्हा भा पु से. वर्तमान
माननीय. विकास वैभव. भा पु से. वर्तमान.
माननीय सत्य प्रकाश मिश्रा. भा पु से. वर्तमान
*
विशेष : संरक्षण : आभार :
माननीय.अंजनी शरण.न्यायमूर्ति.सेवा निवृत.उच्च न्यायलय.पटना.
माननीय.विशाल कुमार.सिविल जज.वर्तमान.
*
माननीय मुकेश कुमार. भा पु से. वर्तमान
माननीय.प्रमोद कुमार. एस डी एम. वर्तमान. उत्तराखंड.
माननीय.दिवेश.जिला सत्र न्यायधीश.वर्तमान.
*
अति सम्माननीय अतिथि पाठक.
*
माननीय. दीपक रावत.भा प्र से.उत्तराखंड.
शक्ति. वंदना सिंह. भा प्र से. उत्तराखंड.
माननीय. पंकज भट्ट.भा पु से. उत्तराखंड.
*
निवेदक : दिग्दर्शक
शक्ति. सीमा.डॉ.आर के दुबे
एम एस मीडिया ब्लॉग. मैगज़ीन.
लेखक : कवि : गीत कार
*
आध्यात्मिक प्रेरणा शक्ति केंद्र
राधा रमण श्री गोविन्द जी.
राधा कृष्ण मंदिर. मुक्तेश्वर. नैनीताल
*
माधव : पार्थ : मैत्री : मान : सम्मान.
*
*
भुवन जोशी.
स्वतंत्र छायाकार, ब्लॉगर.नैनीताल.
*
आर्य.भुवन जोशी.शक्ति ललिता जोशी.
स्वतंत्र छायाकार, ब्लॉगर,लेखक.नैनीताल.
आर्य.डॉ.नवीन जोशी शक्ति बीना जोशी.
लेखक,संपादक.नवीन समाचार.सहारा समय.नैनीताल.
आर्य.रवि शर्मा.शक्ति रश्मि.
लेखक,संपादक.दैनिक भास्कर.नैनीताल.
*

*
राधिका कृष्ण रुक्मिणी दर्शन पृष्ठ के सज्जा, विकास व निर्माण
सहयोग के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार.हरिद्वार.को साधुवाद.
*
*
English Section
Contents.
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English Editorial Section : Cover Contents Page 1
Shakti Editorial. English Page : 2
Shakti Editorial. Prose : English Page : 3
Shakti Editorial. P0em : English Page : 4
Shakti Vibes : .Page : 5
Radhika : Krishna : Rukmini : Photo Gallery.Page : 6
Visuals News : News : Editorial Page : 7
Shakti Art Gallery : Radhika : Krishna : Rukmini : English : Page 8.
You Said it : Page : 9.
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English Editorial Section : Cover Contents Page 1
Shakti Editorial. English Page : 2
Shakti Editorial. Prose : English Page : 3
Shakti Editorial. P0em : English Page : 4
Shakti Vibes : .Page : 5
Radhika : Krishna : Rukmini : Photo Gallery.Page : 6
Visuals News : News : Editorial Page : 7
Shakti Art Gallery : Radhika : Krishna : Rukmini : English : Page 8.
You Said it : Page : 9.
*
Contents.
*
Shakti.Pooja. Arya.Dr.Rajeev Ranjan. Child Specialist.Biharsharif. Supporting
*
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Shakti Editorial.English Page : 2
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*
Executive Editor.
Dehradun Desk.
*
*
Photo Editor
*
Shakti. Ritu Creator Vlogger Youtuber
Shakti. Lovely.An Analyst Photographer
*
*
Times Media Powered
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Shakti Vibes : Today : English Page : 3
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*
Editor.
Shakti Priya Seema Tanu Sarvadhikari.
*
*
Shree Krishna.
*
Karma & Intention.
*
The meaning of Karma is in the intention
The intention behind action is what matters.
*
By ' Narrow ' Domestic Walls .
Guru Ravindra Nath Tagore
*
Where the mind is without fear and the head is held high
Where knowledge is free
Where the world has not been broken up into fragments
By narrow domestic walls
*
*
Courtesy : Shakti. Seema Pritee Anita
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Shakti Photo : Today : English Page : 3
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Naina Devi. Subah Savere .
Nainital Desk.
*
Editor.
Shakti. Anju Madhup Bharti
Nainital Mukteshwar Desk.
*
Today Nainital : Morning
*
This Deepawali .Aatm Depo Bhavah.
Shakti Bharti. Nainital Subah Savere.
*
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Radhika : Krishna : Rukmini : Photo Gallery.English : Page : 6
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Editor
Shakti.Priya Dr.Sunita Seema
![]() |
Shree Krishna's Chariot Wheel Mark : Rajgir : Magadh : Nalanda : Bihar : Shakti Priya Dr.Sunita Seema |
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Visuals News : News : Editorial English : Page : 7
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Editor
Shakti. Priya Smita Bharti
*
![]() |
Dav PGC Family celebrating Children's Day : Theme Photo Collage : Shakti Dr.Sunita Seema Anshima Singh. |
November 9th celebrated as Vidhik Seva Day
*
Shakti. Advocate Seema Madhup Jasika Singh.
We unitedly cherish and celebrate the Vidhik Seva Day translates to National Legal Services Day, which is celebrated annually on November 9th in India. This day commemorates the enactment of the Legal Services Authorities Act, 1987, which established the framework for providing free legal aid to the needy. The day is used to raise awareness about the free legal aid services available to marginalized communities.
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![]() |
Yesterday Kashi : Aassi : Varanasi witnessing Dev Deepawali : alive : Theme Photo Collage : Shakti Nilam Nivedita Rashmi |
![]() |
Harmandir : Patna Sahib : My Birthplace witnessing Guru Nanak Jayanti Celebration Theme Photo Collage : Shakti Smita Dr.Sunita Madhup. |
![]() |
Hon' ble President Draupadi Murmu : Visiting Naina Devi Temple : Praying for Peace Prosperity. Click : Shakti Priya Beena Navin Joshi : Nainital. |
![]() |
| * Mahashakti . Legal Aid & Support : A Group of Advocates Shakti Seema Shivani Jasika Singh.powered |
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You Said It : Cartoon Corner : Seen Somewhere English : Page : 9
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Editor.
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Shakti. Dr.Bhawana Anshima Farheen.
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Cartoon Corner : Seen Somewhere
Editor : Shakti Madhvee Seema Tanu Sarvadhikari
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26.11.2008.
Remembering Mumbai Attack.
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Human Rights
*
Terrorist : You can't kill me... understood
it is against the human rights.
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17 th of November : a Black Day for me
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a Personal Civil Disobedience Nonviolent War : an intellectual war against
the Mental Congestion and Narrow Mindedness
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Remembering Guru Ravindra : Where the mind is free without fear.
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14 th November
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Day Special : Children's Day
With remembering of Chacha Nehru
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Let the hundred flowers bloom
Shakti : Seema Anita Preeti.
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