Krinvanto Vishwam Aryam : 1

  ©️®️M.S.Media.
Shakti Project.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
Social Media.
In association with.
A & M Media.
Pratham Media.
Times Media.
Presentation.
email : m.s.media.presentation@gmail.com.
a Social Media Web Blog Magazine Page
 Theme Address.
https://drmadhuptravel.blogspot.com/2025/10/krinvanto-vishwam-aryam-dav.html.
*
Volumn 1. Series :1.
Cover Page.0.
 
Krinvanto Vishwam Aryam.Dav.
*

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कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
पत्रिका. 
समय. शब्द. स्वयं.( अनुशासन )
प्यार : व्यवहार : संस्कार. 
* 
आर्यावर्त से ब्रह्मांड तक. 
संस्थापना वर्ष.
१३.१०.२५. 
 आर्य शक्ति .दिवस.मूलांक :४.   
कार्तिक : कृष्ण  पक्ष :.एकादशी.    
विक्रम संवत : २०८२. शक संवत : १९४७.
*  
कृष्ण : कर्म : कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
*
सम्यक शक्तिआवरण पृष्ठ :०. 
*

फोर स्क्वायर होटल : रांची :समर्थित : आवरण पृष्ठ : मार्स मिडिया ऐड : नई दिल्ली.
*
 दैनिक अनुभाग.आज.
विक्रम संवत : २०८२. शक संवत : १९४७.
१८.१०.२५. 
दिन : शनिवार. 
नव  शक्ति.दिवस.मूलांक:९.     
कार्तिक : कृष्ण  पक्ष : द्वादशी.   


*
दिव्य अनंत शिव शक्ति.

दैनिक / पत्रिका / अनुभाग..
ब्लॉग मैगज़ीन पेज. 
*
 राम के अयोध्या लौटने: दीपोत्सव पर्व : की मंगल अनंत  शिव शक्ति शुभकामनाओं के साथ. 


वायरलेस प्राइवेट लिमिटेड :मार्केट रिसर्च :मुंबई : शक्ति.ज्योति.आर्य.नरेंद्र.समर्थित. 

विषय सूची :पृष्ठ :०.
*
कृष्ण : कर्म : कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
आवरण पृष्ठ :०.
विषय सूची : ०.
हार्दिक आभार प्रदर्शन : पृष्ठ : ०.
   कृण्वन्तो विश्वमार्यम. दर्शन : पृष्ठ :१.
सम्पादित. डॉ.सुनीता सीमा शक्ति * प्रिया.
सम्पादकीय शक्ति : पृष्ठ :२.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम.आकाश दीप. सम्पादकीय आलेख पद्य संग्रह : पृष्ठ : ३.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम.तारे जमीन पर.सम्पादकीय आलेख गद्य संग्रह पृष्ठ : ४.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम : शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५.
दिन विशेष : आज का पंचांग : राशि फल : शुभकामनायें : पृष्ठ :६.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ :७. 
कृण्वन्तो विश्वमार्यम :समसामयिकी. समाचार : दृश्यम पृष्ठ : ८.
मुझे भी कुछ कहना है : आपने कहा : आभार : पृष्ठ : ९.
*
* स्वर्णिका ज्वेलर्स.निदेशिका.शक्ति तनु.आर्य रजत.सोहसराय.बिहार शरीफ.समर्थित...
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम.दर्शन : पृष्ठ १.
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: नवनिर्माण.
व्यक्ति : समाज : राष्ट्र.
*
संपादन.
शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता नीलम.

*
*
महाशक्ति मीडिया समर्थित : सम्यक कर्म .
आर्य शक्ति.विचार : पृष्ठ : १ / १ . 
संपादन 
@शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता फरहीन. 
*
नीड़ का निर्माण फिर 
*
याद रहें  कई ' साल ' लग जाते है निर्माण में
और विध्वंस के लिए एक ' क्षण ' ही  काफ़ी है 
*
शक्ति डॉ.सुनीता सीमा नीतू सिन्हा. 
*
 समय शब्द और संस्कार 
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विषम से विषम परिस्थितियों में अपने, सोना सज्जन के  लिए 
सदैव समय, शब्द, और संस्कार सुरक्षित व संयमित रखें 
*
@ शक्ति डॉ.सुनीता सीमा भावना .
*
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के 
*


*
    अपने हौसले दशरथ मांझी जैसा ही रखो 
 स्वप्न और लक्ष्य के लिए पहाड़ जैसी 
बाधाएं  भी छिन्न भिन्न हो जाए 
*
गोविन्द जी @ संजय मधुप 
*
विक्रम और बेताल 
*

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महाकाल की नगरी उज्जैन 
परम प्रतापी सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय की बुद्धि, न्यायप्रियता में ही
अघोरी तांत्रिक साधु के षड्यंत्र 
कंधे पर सवार बेवश भ्रमित बेताल की कहानी निहित सन्देश में उनकी   
मुक्ति की युक्ति छुपी थी 
*
शोध विचार  
गोविन्द जी @ संजय मधुप 
*
दर्पण को जब देखा 
मैंने तब तब किया श्रृंगार 
*
सच के  दर्पण  में दिखने समझने के लिए मन 
 का साफ़ होना चाहिए 
जिनका ' मन ' ही धुंधला हो तो ' दर्पण ' का क्या दोष 

आर्य : समस्या : हल 
*
आर्य जन के द्वारा, आर्य जन के लिए, आर्य जन से 
यदि सुनिश्चित हो जाए कोई मानवीय भूल हो गयी 
तो माफ़ कर दो ...या माफ़ी मांग लो 
...समस्या निराकृत हो जाएंगी 
*
गोविन्द जी @ संजय डॉ. मधुप. 
*
आदतें : भविष्य. 
*
  मनुष्य ' आज ' पहले अपनी आदतें  बनाता है 
अच्छी या बुरी यह उसके ऊपर निर्भर करता है 
फिर वही आदतें उसके ' कल ' का निर्माण करती हैं 
*
आर्य : क्षमाशीलता 
*
स्नेह - द्वेष , ' राग विराग ' , ' मान - अपमान ' सब कुछ जान लेने ,समझ लेने,अनुभूत करने के पश्चात 
भी यथावत रहते हुए जो ' अपनों ' के लिए क्षमाशीलता रखता है 
उसे ' आर्य ' समझा जा सकता है 

*
करमवा बैरी हो गए हमार 
*
अच्छे ' कर्म ' का बीज बोयें ' भाग्य ' अपने आप फलित हो जाएगा
 कभी कभी किसी का ' ऐश्वर्य ' और ' समय ' क्षणिक जरूर साथ दें 
लेकिन अंततः इस धरा पर  उसकी ' नेकदिली ', सुकर्म , ही यहाँ निशानी बतौर रह जाएगी 

*
प्रार्थना और कर्म 
*
जिंदगी का भी अपना ही रंग ढंग है 
दुःख वाली रात नींद नहीं आती 
अपने ' कर्म  ' के साथ विश्वास ' ईश्वर ' पर मात्र हो तो 
सफलता आपके साथ होगी
*
विचारक 
डॉ.आर के दुबे.
*
शक्ति सीमा 
*
संपादन 
डॉ. मधुप 
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उपेक्षा और अपेक्षा
*
संयम ,भद्र भाषा और आर्य सभ्यता ,संस्कृति की दूसरे में अपेक्षा
स्वयं में इनकी उपेक्षा क्यों, प्रिय ?

*
महाभारत का दृश्य. 
*

अर्जुन : जो हमारे सामने है वो सभी अपने है , माधव ! 
कृष्ण : पार्थ ! वो जो अपने होते वो कभी सामने नहीं होते। 

कबीर. 
*
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।

*
क्रोध : विवेक : कर्म 

क्रोध ही जीवन के सभी समस्याओं के मूल में है, पार्थ 
क्रोध से बुद्धि विवेक का हरण...वाणी का असंयम  
तदोपरांत जन मन संघर्ष का प्रारम्भ होता है 
*
@ शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता मधुप.  
*
प्रशंसा : आलोचना 

मेरी ' प्रशंसा ' मेरी ' अनुपस्थिति ' में करें 
मेरी गलतियों को ' सार्वजानिक ' नहीं ...मेरे समक्ष, ' व्यक्तिगत ' तरीके से कहें 
*
साभार. डी ए वी की डायरी से 
* 
@ शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता मधुप.  
*
*
टाइम्स मीडिया समर्थित : सम्यक दृष्टि 
आर्य शक्ति.विचार : पृष्ठ : १ / २. 
संपादन. 
शक्ति डॉ.सुनीता सीमा अंशिमा सिंह. 
* 
सम्यक ' साथ '
सम्बन्ध ' बड़े ' नहीं होते उसे संभालने वाले ' बड़े ' होते हैं 
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*
प्रथम मीडिया प्रस्तुति : सम्यक कर्म   
आर्य शक्ति.विचार : पृष्ठ : १ / ३ . 
*
संपादन 
 शक्ति. नीलम अनीता मुकेश ठाकुर. 
*
सीधे ही ' महान ' बनने का कोई ' विद्यालय ' ना कभी भूतकाल में था, ना आज है और ना कभी भविष्य में होगा. * समाज, देश, धर्म, और मानवता के लिए किए गए अच्छे कर्म, सेवा व त्याग ही व्यक्ति को महान बनाते हैं. *
@ शक्ति.अनीता पल्लवी मुकेश.
*
अपने अतःमन के तमस से निकल कर बाह्य प्रकाश की ओर बढ़ते हुए : धम्म विजय के लिए अग्रसर 
*
* महाशक्ति न्याय संहिता : विधिक सेवा : परामर्शदातृ संस्था : जागरूकता : क़ानूनी सलाह : समर्थित.

महाशक्तिमीडिया 
*

*
प्रधान संयुक्त महाशक्ति सम्पादिका.
शक्ति.प्रिया * शालिनी रेनू बीना जोशी.
@ हम.४. 
राधिका कृष्ण रुक्मिणी दर्शन.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम.
@ हम.४.मीडिया प्रकाशन. 
*
महाशक्ति मीडिया.
*
नैना देवी.नैनीताल डेस्क. 
आध्यात्मिक शक्ति प्रकाशन
*
राशि शक्ति प्रतीक 
*
 कृष्ण : कर्म : कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
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सम्पादकीय.
आर्य शक्ति समूह : पृष्ठ : २.
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*
संरक्षण.शक्ति.
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*
शक्ति.अंजलि.प्राचार्या. 
शक्ति.प्रिया.प्राचार्या. 
शक्ति.साक्षी.भा.पु.से. 
  
*
प्रधान सम्पादिका.
*

*
शक्ति.डॉ.मीरा श्रीवास्तवा.
शक्ति.डॉ.भावना.
शक्ति.अंशिमा सिंह. 
*
कार्यकारी संपादिका.
*

*
शक्ति.प्रिया.डॉ.सुनीता नीलम.
*
सहायक कार्यकारी शक्ति सम्पादिका.
*

शक्ति.माधवी सीमा भावना सिंह.
*
कला शक्ति संपादिका.
*

शक्ति.वाणी लवली सुदीप्ता.
*
विशेषांक सम्पादिका.
शक्ति.शालिनी स्मिता प्रेरणा.
*
फोटो : दृश्यम : सम्पादिका.

*

त्रिशक्ति.फ़रहीन शालिनी प्रेरणा.
*
संयोजिका.
*

त्रिशक्ति : फ़रहीन स्मिता लवली
*
लघु फिल्म सम्पादिका.
 

शक्ति वनिता नमिता भावना.
रानीखेत 
*
विचार.
समाचार सम्पादिका.
शक्ति.शिखा.नीतू. प्रीति.
*


*
क़ानूनी संरक्षण
*

अधिवक्ता.
शक्ति मोनलिका हर्ष नई दिल्ली.
माननीय.विशाल. सिविल जज. वर्तमान.
अधिवक्ता.शक्ति अलंकृता दिल्ली उच्च न्यायलय.

सम्पादकीय आर्य शक्ति
आभार 
अंग्रेजी : आर्य संजय. शक्ति प्रिया. शक्ति अंशिमा. प्राचार्य 
हिंदी : आर्य डॉ. ललन पांडेय. आर्य डॉ.विनोद.आर्य  मुकेश ठाकुर. 
*
दिग्दर्शक.
माननीय.संजय कुमार सिन्हा.भूतपूर्व प्राचार्य
माननीय.डॉ.आर.के.दुबे.भूतपूर्व प्राचार्य
माननीय.आशीष कुमार जाना.भूतपूर्व प्राचार्य
माननीय.कमल किशोर सिन्हा.प्राचार्य
*
नैतिक.आध्यात्मिक.आर्य.संरक्षण.


*
माननीय.प्रेम प्रकाश आर्य.समाज सेवी.
माननीय.गोविन्द जी तिवारी.प्राचार्य. 
माननीय.मनोज कुमार दुबे.प्राचार्य. 
माननीय.संजय कुमार.प्राचार्य.

*
आर्य प्रेरणा शक्ति.
*
डी ए वी.की गाँधी परंपरा.
*
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा
जो जस करहि सो तस फल चाखा.
*

कला कृति : सुदीप्तो सरकार.

*
महात्मा.नारायण दास ग्रोवर.
१५.११.१९२३ - ०६.०२.२००८.
*
मेरे आदर्श. 
गर्व डीएवी परिवार से 


माननीय.सांसद.अभिनेता.सुनील दत्त. 
शक्ति.नेत्री.सांसद.अभिनेत्री.कंगना रनौत. 
माननीय.महेंद्र सिंह धोनी.भारतीय क्रिकेट कप्तान. 
*


*
रिश्तों की जमापूंजी : बैंक ऑफ़ इंडिया : आर्य लक्की : प्रंबधक : समर्थित.
*
*
कृण्वन्तो विश्वमार्यम.
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 तारे जमीन पर.सम्पादकीय आलेख पद्य संग्रह : पृष्ठ : ३.
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संपादन.
शक्ति. माधवी डॉ.सुनीता.नीलम.
*
लघु कविता 
*
मेरी ही अग्नि परीक्षा क्यों 


सीता अग्नि परीक्षा : फोटो : नेट से साभार 


तुम घर छोड़ के बुद्ध कहलाते हो
मैं जो छोडूं तो कलंकिनी कहलाऊं

खीर खिलाई सुजाता ने तो
जान चक्षु थे तुम्हारे खुले
गर कोई सुजीत मुझे गुड भी चटा दे
तो सिर्फ यातना ही यातना मिले

तुम वनवासी,मैं वनवासी
शूर्पणखा हुई सौंदर्य पिपासी 
परिणय निवेदन ही तो किया था
फिर नाक उसने क्यों गंवा दी

रावण बलशाली था
फिर भी तुमसे रार न ठान सका
छल से बल से फिर उसने मुझे
अगवा ही तो किया

विरह में तुम भी जीते थे
विरह में मैं भी जीती थी
फिर पता नहीं क्यों
उस अग्नि कुंड में,चरित्र परीक्षा लिए
मैं अकेली ही बैठी थी

और ऐसे चंद उदाहरण से तुम आहत हुए जाते
ज़ोर लगाकर गुट बनाकर 
फिर  हमें तुम धकियाते हो

सुनो, तुम कितने भी अपराध गिनवाओगे
फिर भी हमारी फेहरिस्त तक
कहां ही पहुंच पाओगे
कहां ही पहुंच पाओगे ? 


*
प्रियंका वर्मा 
कवियत्री. पटना 
*
लघु कविता.
बेटियाँ 
*

फोटो : शक्ति 

घर की हलचल
परिवार की  सुकुन है,बेटियाँ 
घर का सस्कार 
परिवार की  श्रृंगार  हैं,,बेटियाँ  
माँ की सखी 
पिता की जान हैं, बेटियाँ 
घर की रौनक, 
भाईयों की पहचान हैं,बेटियाँ 
रब से की दुआओं में मिल  
सबसे अनमोल  आशीर्वाद हैं, बेटियाँ 
*
कवयित्री


शक्ति. स्मिता 
वर्तमान एंकर पटना दूरदर्शन. 
*
पृष्ठ सज्जा : शक्ति वनिता सीमा वाणी  

*
प्रथम मीडिया समर्थित 
*
सीपिकाएँ 
*
दीया बने हैं.

सज्जा : शक्ति मीडिया.
दीया बने हैं,
तो जलना हीं पडे़गा।
दूसरों को प्रकाश देना है,
तो अंधेरे में रहना हीं पडे़गा।
दूसरों को सुख देना है,
तो स्वयं दुख भोगना हीं पडे़गा।
यदि गुरु द्रोण बनना  हैं,
तो अर्जुन बनाना ही पड़ेगा 

*
डॉ.विनोद कुमार. 
कवि. लेखक. 


*
  ग़ज़ल : 
*
काबिलियत गर आपकी मगरूर कर दे आपको


फोटो : शक्ति : साभार 

ये आपकी इमानदारी मुल्क पर एहसान नहीं है 
आप हैं हिदुस्तान से,आप से हिन्दुस्तान नहीं है। 

काबिलियत गर आपकी मगरूर कर दे आपको  
फ़िर आप कुछ भी हों मगर अच्छे इंसान नहीं है । 

ज़िन्दगी में ज़िंदादिली का होना लाज़मी है बेहद 
वर्ना कौन है जो कहता है कि वो परेशान नहीं है। 

खूबियों और खामियों का भी इल्म होना चाहिए 
खुद के बारे में खुद से ही आप अनजान नहीं हैं । 

रह करके हाशिए पे हुजूर खुद तर्जुबा कीजिए 
उन मजलूमों के लिए कोई भी भगवान नहीं है । 

क्यों परखना चाहतें हैं आप अजय की ख़ुद्दारी को
क्या आप उसकी बेनूर शख्सियत से हैरान नहीं है।

*
ग़ज़लकार 
अजय प्रसाद.
कवि लेखक. आसनसोल. 
*
शक्ति.पुष्प लता.  
*
संपादन : 
मुकेश ठाकुर 

*
  ग़ज़ल : 
   बात दिल में ही रह ....
डॉ.आर के दुबे 


*
डॉ.आर के दुबे 
लेखक कवि गीत कार 




*
लघु कविता.
जीवन के रास्ते में
*
फोटो : साभार 
*
जीवन एक रास्ता है, जिस पर अकेले चलना पड़ता है, कई लोग आते हैं, कई छूट जाते हैं, कंकड़ पत्थर से बच- बचाकर, चलना इस पर पड़ता है, पर न जाने क्यों, एक- दो तो चूभ ही जाते है, खेलते- खेलाते, हंसते- हंसाते, जीवन चलते रहता है, ज्यादा धूप लगने लगती तो, मां के आंचल से सिर ढक लिया करते हैं , अगर कंकड़ आने लगें ज्यादा रास्ते पे, तो पिता का हाथ पकड़ लिया करते हैं, पर आखिरी में तो, सफर अकेले ही खत्म करना पड़ता है.

*
प्रणव राज.विद्यार्थी.
डी ए वी.मोहनियां.




*
आ रहे प्रकाश पर्व : दीपोत्सव : की अनंत शिव शक्ति शुभकामनाओं के साथ. 
*
शक्ति.नेहा.आर्य.अतुल.मुन्नालाल महेश लाल आर्य एंड संस ज्वेलर्स.रांची रोड.बिहार शरीफ.समर्थित. *
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम.तारे जमीन पर.सम्पादकीय आलेख : गद्य संग्रह : पृष्ठ : ४.
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महाशक्ति मीडिया समर्थित.
*

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विक्रम और बेताल : एक कल्पना और जिंदगी का एक सच भी :
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आर्य शक्ति आलेख : ०.
*
शक्ति*प्रिया.डॉ.सुनीता मधुप.


दृश्यम : विक्रम और बेताल : साभार. 
 
बेताल कल मेरे सपने में आया : कल सपने में बेताल आया था। बेताल एक भूत है ,मृत शरीर है। विक्रम के कंधे पर चढ़ा हुआ फिर से कहानी कहता हुआ और परम प्रतापी न्याय प्रिय राजा से कहानी के अंत में वही चिर प्रतीक्षित हल मिश्रित न्याय की मांग करता हुआ।
कहानी बेताल की : विक्रम और बेताल की कहानियाँ एक राजा विक्रम और एक भूत बेताल के बारे में हैं, जो एक श्रृंखला के रूप में सुनाई जाती हैं। इसमें बेताल, राजा को एक कहानी सुनाता है और कहानी के अंत में एक पहेली या प्रश्न पूछता है।
यदि राजा सही उत्तर देता है, तो बेताल अपने वृक्ष पर वापस लौट जाता है।
यदि राजा चुप रहता है, तो वह कहानी जारी रखता है। यदि राजा उत्तर देने से इंकार कर देता है, तो उसकी जान चली जाएगी।
बेताल की कहानियों में नैतिकता और न्याय पर आधारित पहेलियाँ होती हैं, जो राजा को इन पहेलियों को सुलझाने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती हैं।
उसकी बाध्यता थी सर्वप्रथम वह न्याय करते हुए अपनी स्वयं की भी रक्षा करें।
कभी दूरदर्शन का प्रसिद्ध टी वी धारावाहिक : १९८५ का कभी दूरदर्शन में प्रसिद्ध रामायण धारावाहिक फिल्म निर्माता रामानंद सागर की ही निर्मित विक्रम और बेताल एक अन्य धारावाहिक भी आती थी जिसे मैं देखता था।
साल १९८५ का किस्सा है ,उस ज़माने में जब मेरे घर टी वी आई थी। कृषि दर्शन, हम लोग जैसे प्रोग्राम भी हम पूरी तन्मयता से देखते थे।
अघोरी के निशाने पर एक बेवस भ्रमित बेताल : एक बेवस भूत की कहानी जिसे अघोरी साधु अपने वश में करके न्याय प्रिय राजा विक्रमादित्य की बलि देना चाहता था। राजा विक्रमादित्य की लोकप्रियता और उसकी न्यायप्रियता उसे शूल की भांति चुभती थी। वह बेताल को ढाल बना कर अपना हित सिद्ध करना चाहता था।
उस समय की एक मेरी पसंदीदा भारतीय टेलीविजन श्रृंखला थी विक्रम और बेताल, जिसे मैंने पूरी दिलचस्पी से देखी । कभी सोचता हूँ तो विक्रम और बेताल जैसी घटनाएं कदाचित अन्य के साथ मेरे साथ भी हालिया घटित हुई है। स्वयं के जीवन में न्याय अन्याय , घात प्रतिघात , पाप पुण्य , प्रेम, विश्वासघात, रहस्य, ज्ञान और के घटना क्रम चक्र इस तरह चले की विक्रम और बेताल की , बेताल पच्चीसी कहानियाँ
फिर से याद आ गई।
अघोरी दुष्ट तांत्रिक : अघोरी दुष्ट तांत्रिक, तंत्र मन्त्र से प्रभावित जन , अभिशप्त शव की बलि, न्याय और बचन से बंधे राजा विक्रमादित्य, बेताल का कंधे पर सवार होना , बेताल के द्वारा पच्चीस कहानियाँ सुनाना,विक्रम को न्याय करने की विवशता , षड्यंत्र का खुलासा , बेताल की मुक्ति और अघोरी दुष्ट तांत्रिक का अंत।
विक्रम और बेताल की कहानियाँ रहस्य, ज्ञान और विश्वासघात पर पुण्य की विजय के तत्वों को एक साथ बुनती हुई सामने आती हैं, जिसे हर सही कोइ न कोई अपनी जिंदगी में घटित होते हुए महसूस करता है।
यह १९८५ में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुई थी और हिट हुई थी जिसका पुनः प्रसारण १९८८ में हुआ था। इस प्रकार, विक्रम और बेताल की कहानियाँ रहस्य, ज्ञान और विश्वासघात पर पुण्य की विजय के तत्वों को एक साथ बुनती हुई सामने आती हैं।
न्यायप्रिय विक्रमादित्य कौन : प्रचलित मान्यता के अनुसार, उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के बाद ईशा के ५७ साल पूर्व हमारे राष्ट्रीय विक्रम संवत की स्थापना की थी। यह हमारी अस्मिता और स्वाधीनता के अनुरक्षण तथा शत्रुओं पर विजय का प्रतीक भी है।
तो कभी कभी गुप्त साम्राज्य के प्रतापी सम्राट समुद्रगुप्त के पुत्र चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य अवधि ३८० - ४१५ की भी कल्पना की जाती है जो बड़ा वीर पराक्रमी और न्याय प्रिय शासक था,जिसने शकों को पराजित भी किया था। न्याय के लिए प्रसिद्द रहें उज्जैन के नरेश विक्रमादित्य हो सकते हैं .....लेकिन उन्होंने विक्रम संवत का प्रारंभ किया हो संदिग्ध हो सकता है।विक्रम और बेताल की कहानियाँ उनसे प्रभावित हो कर उनके दरवारी कवियों द्वारा रचित की गई हो ,समझा जा सकता है। .....

*
गतांक से आगे : विक्रम और बेताल :
अंतिम क़िस्त 


विक्रम और बेताल : GIF 
*
विक्रम : साहस : मौन : न्याय की विवशता. 
बेताल : कहानी : पहेली और उसमें निहित सन्देश 
अघोरी : के निशाने पर थे राजा विक्रमादित्य और बेताल :
*
हर कोई स्वयं को राजा विक्रमादित्य ठहराता है। दूसरे को अघोरी। उधर मृत पिचाश बेताल की अपनी विवशता है। उसे न विक्रम छोड़ रहा है न अघोरी। उसे तो मुक्ति चाहिए।
समय स्वयं ही नहीं दूसरे का भी इतिहास लिखेगा। जन समूह किसी सत्यापित सत्य की ही बात करेगा। कही स्वाभाविक विक्रमादित्य मिलेंगे कहीं भेड़ की खाल वाले भी। लेकिन रंग ढ़ंग सच उजागर कर ही देगा।
आस पास देखिए विक्रम और बेताल : अघोरी के चरित्र भी इस समाज में ही मिल जायेंगे। विक्रम के साहस ,प्रयत्न सत्य और न्याय के प्रति झुकाव देख कर बेताल अपनी बेताल पचीसी की आखरी कहानी में उस अघोरी के मंसूबों के बारे में अंततः बतला ही देगा। और सिद्ध होगा मुंडको उपनिषद का मन्त्र सत्यमेव जयते। 
कहानी देखिए : वेताल, राजा विक्रमादित्य को उस तांत्रिक के बुरे इरादों के बारे में बताता है जिसने राजा विक्रम से वेताल को बलि के लिए लाने को कहा था। अंततः विक्रम उस तांत्रिक को मारकर वेताल को मुक्त करा लेता है। विक्रम तब वेताल को अपना मंत्री बनने का प्रस्ताव देता है, जिसे वेताल स्वीकार कर लेता है।
जब श्मशान की चिता दिखाई दी, तो बेताल ने विक्रम से कहा, ' विक्रम, यह योगी बहुत चालाक है। यह तुम्हें मारने की योजना बना रहा है। मैं इसकी योजना जानता हूँ। यह तुम्हें साष्टांग प्रणाम करने के लिए कहेगा, और जब तुम उसे साष्टांग प्रणाम करोगे, तो वह तलवार से तुम्हारी गर्दन काट देगा। इसलिए सावधान रहो।
विक्रम यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गया। हालाँकि उसके मन में यह संदेह था, लेकिन अब वह अधिक सावधान था। विक्रम वैताल को कंधे पर उठाकर योगी के पास आया।
वैताल को देखकर योगी बहुत प्रसन्न हुआ,उसने कहा," वाह राजा विक्रम,आप सचमुच साहसी हैं। अब आप पूरी पृथ्वी पर निर्विघ्न शासन करेंगे।"
योगी ने वैताल के शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके अग्नि में आहुति दी, कुछ तांत्रिक क्रियाएँ कीं, और अंत में पूर्णाहुति दी।
अघोरी : के निशाने पर थे राजा विक्रमादित्य और बेताल : विक्रम यह सब बड़े ध्यान से देख रहा था। वह बिल्कुल सीधा खड़ा था। सब कुछ समाप्त करने के बाद योगी ने कहा, " राजा विक्रम, अब आप मुझे साष्टांग प्रणाम करके पुण्य कमाएँ। "
विक्रम तो बस इसी क्षण की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्हें वैताल का आदेश याद आया कि " जैसे ही तुम उनके सामने झुकोगे, वे तुम्हारी गर्दन काट देंगे।"
अतः उन्होंने कहा," मैं राजा हूँ, मैं किसी के सामने नहीं झुकता।" यह सुनकर योगी आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने कहा, " ठीक है, तो मैं आपके सामने झुकता हूँ।"
जैसे ही वे राजा के सामने झुके,राजा ने अपनी तलवार से उनकी गर्दन काट दी। योगी मर गया।
तभी उस निर्जन वन में एक ज़ोरदार हँसी गूँजी। वह हँसी उस वैताल की थी। विक्रम वैताल को देखकर दंग रह गए, उन्होंने कहा - " वैताल तुम ? तुम मर गए थे ?"
वैताल बोला , " हाँ, मैं ही हूँ। इस योगी की बलि देकर तुमने मुझे जीवन दिया है। अगर तुमने इसे नहीं मारा होता, तो मैं दोबारा जन्म नहीं ले पाता।
निहित सन्देश इस कहानी में : विक्रमादित्य न्याय और साहस के लिए प्रसिद्ध थे। बेताल के पीछे बेताल की बलि के लिए अघोरी पड़ा था। उसकी शत्रुता  विक्रमादित्य से भी थी बेताल के जरिए वह विक्रमादित्य का भी अहित करना चाहता था।
कभी भी धैर्य न खोए : दूसरी तरफ़ बेताल पच्चीसी के पिटारे से एक एक कहानी कह कर अघोरी से होने वाले आसन्न खतरों के बारे में सन्देश भी देता रहा। अंत में उसने उस अघोरी का षड्यंत्र भी बतला दिया।
विक्रमादित्य ने ,सहिष्णुता , बुद्धि विवेक , न्याय और साहस का प्रयोग करते हुए उस अघोरी का वध किया और वेताल को मुक्ति दिलाई। इसलिए संकट में कभी भी धैर्य न खोए
इतिहास और विक्रमादित्य : इतिहास गवाह है समुद्रगुप्त ३१८ : ३७५ गुप्त वंश के सर्व शक्ति शाली राजा थे। उनके बाद उनका पुत्र रामगुप्त राजा बना। कमजोर राजा ध्रुवस्वामिनी के पति रामगुप्त, एक कमजोर और अयोग्य शासक सिद्ध हुए थे, जो शकों के हमले के आगे झुक गए थे।
रामगुप्त के आत्मसमर्पण का प्रस्ताव : शकों के साथ एक अपमानजनक समझौते के तहत, रामगुप्त ने ध्रुवस्वामिनी को शकों को सौंपने की योजना बनाई जिसका प्रवल विरोध चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने किया था
चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य : शकों का दमन : राष्ट्र व अस्मिता की रक्षा : चंद्रगुप्त द्वितीय ने ध्रुवस्वामिनी को उसके पति रामगुप्त के बजाय शकों से बचाया, क्योंकि रामगुप्त शकों के सामने समर्पण करने और ध्रुवस्वामिनी को उन्हें सौंपने के लिए तैयार था।
विक्रमादित्य का हस्तक्षेप चंद्रगुप्त विक्रमादित्य, जो बाद में विक्रमादित्य के नाम से जाने गए, ने इस अन्याय को स्वीकार नहीं किया।
विक्रमादित्य,एक शक्तिशाली और वीर शासक थे , अन्ततः इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ खड़े हुए। उन्होंने ध्रुवस्वामिनी को बचाने और राष्ट्र की गरिमा की रक्षा करने का फैसला किया।साहसिक योजना के निमित उन्होंने ध्रुवस्वामिनी के साथ भेष बदला और शकों के शिविर में घुसपैठ की।इस तरह उन्होंने अपने राष्ट्र तथा ध्रुवस्वामिनी को अरि शकों से बचाया और रामगुप्त के गलत कार्यों को उजागर किया,अंततः ध्रुवस्वामिनी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।
बेताल पच्चीसी की रचना बेताल भट्ट : बेताल पच्चीसी की रचना बेताल भट्ट ने की थी, जो राजा विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। यह संस्कृत में ' वेतालपञ्चविंशतिः ' के नाम से जानी जाती है और पच्चीस कहानियों का एक संग्रह है। इसके विभिन्न अनुवाद भी उपलब्ध हैं, जैसे कि सूरति मिश्र द्वारा ब्रजभाषा में किया गया अनुवाद। इसमें राजा विक्रमादित्य से जुड़ी २५ कहानियाँ हैं, जो एक बेताल (भूत) सुनाता है। और अंत में राजा विक्रमादित्य को उन कहानियों को सुनकर न्याय भी करना होता है।
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स्तंभ संपादन : गोविन्द @ संजय.शक्ति प्रिया
सज्जा : शक्ति शालिनी सीमा प्रेरणा

सम्पादकीय शक्ति. 
सूत्र वाक्य.कृण्वन्तो विश्वम्.आर्यम्.  
दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें. 
शक्ति*प्रिया.डॉ.सुनीता मधुप.
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ॐ इन्द्रं वर्धनतो अप्तुरः कृण्वन्तो विश्वमार्यम् : कह सकते है यह ऋग्वेद से लिया गया है। कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम् का क्या अर्थ है '? पहले समझें। विश्व को श्रेष्ठ बनाओ '।
यह आर्य समाज का आदर्श वाक्य है, जिसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। इसके लिए कर्म करें। स्वयं से उठकर पर के साथ साथ सम्पूर्ण के लिए अथक प्रयास करना होगा।
ॐ इन्द्रं वर्धनतो अप्तुरः कृण्वन्तो विश्वमार्यम्। अर्थात्, मनुष्यों को अपने दुःख और बुराइयों के भावों को दूर करके 'इंद्र' अर्थात् आत्मा, समृद्धि और सत्कर्मों की वृद्धि करनी चाहिए। इससे न केवल हमारा अपना जीवन बेहतर बनता है, बल्कि दूसरों की भलाई में भी योगदान मिलता है।
दूसरों की सहायता करने के कुछेक तरीके : विश्व कैसे श्रेष्ठ हो ? इसके लिए स्वयं का सम्यक प्रयास जारी रखना होगा। १. दीन दुखियों के प्रति फिक्रमंद होना ...
२.उन लोगों का मार्गदर्शन करना जिन्हें अपनी कठिनाई से बाहर निकलने का मार्ग न सूझ रहा हो ...
फोटो : शक्ति : साभार 
३. हमारी सहायता करने वालों की नेकी का बदला चुकाना ...
४.भयभीत लोगों को सांत्वना देना और उनकी सुरक्षा करना ...
५.दुखियारों को दिलासा देना ..आदि आदि
स्वयं के कर्म के लिए इसका सर्व प्रथम अर्थ है कि मनुष्य को स्वयं श्रेष्ठ (आर्य ) गुणों को अपनाना चाहिए। दूसरों के जय से पहले अपनी जय करें। और तत्पश्चात दूसरों को भी यथाशक्ति श्रेष्ठ बनाने का प्रयास भी साथ ही साथ करना चाहिए, जिससे पूरा विश्व आर्य बने।
निहित अर्थ : इस सूत्र का अर्थ है कि पूरे विश्व को श्रेष्ठ, महान और सुसंस्कृत बनाना। दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें. हमको मन की शक्ति, देना सर्वप्रथम हम अपने मन की विजय करें। दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें। सार्थक प्रयत्न करना होगा कि भेद-भाव अपने दिल से साफ़ कर सकें। दूसरों से भूल हो तो माफ़ कर सकने की एक हद तक़ सामर्थ्य रख सकें।
प्रेरणा कहाँ से है : यह ऋग्वेद के एक मंत्र से लिया गया है, जो मनुष्य को आर्यत्व के गुणों से अलंकृत होने और दूसरों को भी प्रेरित करने के लिए कहता है।
उद्देश्य : इसका उद्देश्य व्यक्तियों और पूरे समाज में श्रेष्ठता, ज्ञान, और सद्गुणों का प्रसार करना है, ताकि लोग अपने दोषों को दूर करके बेहतर जीवन जी सकें।


स्तंभ संपादन : सज्जा : शक्ति. वाणी सीमा अनीता
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शक्ति पूजा : आर्य : डॉ. राजीव रंजन. शिशु रोग विशेषज्ञ. बिहार शरीफ समर्थित

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कृण्वन्तो विश्वमार्यम : आर्य शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५.
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ये कौन चित्रकार है
संपादन
शक्ति.वाणी सीमा प्रेरणा .
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मीरा कृष्ण भक्ति : कैसी लागी लगन : कलाकृति : शक्ति. समृद्धि. संपादन शक्ति. श्वेता वाणी प्रेरणा 
शक्ति का रेखा अंकन:नन्हें चित्रकार:शौर्य :डीएवी सत्य प्रकाश:चयन:शक्ति अंशिमा प्रेरणा प्रियांशी 

झील के उस पार : कलाकृति : डल लेक : सी.एस.पंडित : पी.जी.सी. डी ए वी परिसर.बिहार शरीफ.  
 
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ज्योति कलश छलके : ज्योति पर्व की अनंत शिव शक्ति शुभकामनाओं के साथ 
*

शक्ति.अर्चना. आर्य डॉ.अजय कुमार.जाह्नवी ऑय केयर रिसर्च सेंटर. बिहार शरीफ़.समर्थित. 
*
*
ए एंड एम मीडिया शक्ति प्रस्तुति
*
डी ए वी पॉवर ग्रीड कैंपस समर्थित
*
*
डी ए वी. पॉवर ग्रीड कैंपस. महानंदपुर में
१० नवंबर २०२५ से
बाल वाटिका से वर्ग अष्टम, सत्र २०२६ - २०२७ के लिए
रजिस्ट्रेशन फार्म उपलब्ध है
*
*
शक्ति रश्मि. आर्य. डॉ अमर दीप नारायण.नालन्दा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर बिहारशरीफ  समर्थित 

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कृण्वन्तो विश्वमार्यम : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ७.
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संपादन.
शक्ति. शालिनी फ़रहीन अनीता.
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हिमाचल की यात्रा : बर्फिस्तान : बुद्धम शरणम गच्छामि : छाया चित्र डॉ.भावना सुनीता अनीता 
चरैवेति चरैवेति : सभ्यता संस्कृति की खोज तिब्बत की ओर : छाया चित्र : सुदीप्तो : हिमाचल 
एस पी आर्य डी ए वी याद किए गए आर्य महात्मा ग्रोवर: कोलाज : शक्ति अंशिमा प्रियांशी फरहीन  
प्रकृति से प्रेम और लगाव :सूर्य षष्ठी आराधना के निमित बच्चें:फोटो शक्ति अंशिमा प्रेरणा फरहीन   

वैदिक भारतीय सभ्यता संस्कृति के संग : दीपावली रंगोली के रंग : एस पी आर्य डी ए वी के बच्चे :
फोटो : शक्ति.अल्पना प्रेरणा फ़रहीन. 

अपने भीतर के तमस को हटा लें : एस पी आर्य डी ए वी : फोटो : शक्ति.फ़रहीन सीमा अंशिमा सिंह 
यादें न जाए बीते दिनों की : बाल दिवस स्मृति :२०२४:पॉवर ग्रीड डी ए वी परिसर से : शक्ति कोलाज 
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शक्ति नेहा:शाखा प्रबंधक:बैंक ऑफ़ इंडिया:रिश्तों की जमापूंजी समर्थित. 

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समाचार : चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज़ शॉर्ट रील : पृष्ठ : ८.
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संपादन. 
शक्ति. डॉ.भावना नमिता अंशिमा सिंह. 
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महाशक्ति मीडिया सहयोगी
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आजकल : कटाक्ष : व्यंग्य चित्र : मधुप : पृष्ठ : ८.
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संपादन
शक्ति स्मिता माधवी सीमा
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परीक्षण विधि शिष्य की या गुरु की


रोज पता नहीं कहाँ कहाँ से इनसाइक्लोपीडिया से सवाल ख़ोज ख़ोज कर पूछता रहता है.. तू अपना ज्ञान बढ़ाता है कि हमारा टेस्ट लेता है, रे.. !
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वंश वाद : परिवारवाद : राजनीति 

मेरे ' चाचा ' जी को भी मंत्रिमंडल में जगह दीजिए 
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चित्र : विशेष : दृश्य माध्यम : न्यूज़ पृष्ठ : ८.
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संपादन.
शक्ति वनिता.प्रत्येश डॉ.सी. एम. चंद्रा


विंटर लाइन : दृश्यम : मसूरी : प्रत्येश
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स्थानीय चैनल : नालंदा : नालंदा न्यूज मीडिया रिपोर्टिंग
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सत्य प्रकाश डी.ए.वी. बाल मेला : विज़ुअल्स : साभार.नालंदा न्यूज़.
निदेशक : मनोज वेदी.
*
डी ए वी : नालंदा
न्यूज विज़ुअल देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 
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स्थानीय चैनल : नालंदा : बिहार न्यूज मीडिया रिपोर्टिंग
सत्य प्रकाश डी.ए.वी. बाल मेला : विज़ुअल्स : साभार. बिहार न्यूज़.
निदेशक : रवि
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डी ए वी : बिहार न्यूज विज़ुअल देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं 
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डी ए वी पॉवर ग्रीड कैंपस समर्थित
*
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डी ए वी. पॉवर ग्रीड कैंपस. महानंदपुर में
१० नवंबर २०२५ से
बाल वाटिका से वर्ग अष्टम, सत्र २०२६ - २०२७ के लिए
रजिस्ट्रेशन फार्म उपलब्ध है
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डी.ए.वी.एन.सी.सी: समाचार : १
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समसामयिकी. समाचार.
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एकता ,अनुशासन और देश प्रेम.
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समाचार संकलन.आर्य. मुकेश ठाकुर.
एन.सी.सी प्रतिभागियों का प्रशिक्षण प्रारंभ.
डी.ए.वी. स्कूल पी.जी.सी बिहार शरीफ में एक नया इतिहास.
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डी.ए.वी.स्कूल पी.जी.सी बिहार शरीफ.एक नया इतिहास लिखेंगे: एन.सी.सी:फोटो शक्ति
संवाद शक्ति : सूत्र : / बिहार शरीफ : एन.सी.सी प्रतिभागियों का प्रशिक्षण प्रारंभ एकता अनुशासन और देश प्रेम के क्षेत्र में डी. ए. वी. स्कूल पी.जी.सी बिहार शरीफ में एक नया इतिहास लिखा।
डीएवी की देशभक्ति उसके नाम और संस्थापक महात्मा हंसराज के आर्य समाज के सिद्धांतों से जुड़ी है, जिसका उद्देश्य वैदिक और आधुनिक शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों, कर्तव्यनिष्ठा, सामाजिक कार्य करने के साथ साथ ईमानदारी और देशप्रेम जगाना है।
यह संस्थान कई स्वतंत्रता सेनानियों जैसे शहीद भगत सिंह और खिलाड़ियों को तैयार कर भारत के विकास में योगदान देता है, जिससे यह देश का सबसे बड़ा गैर-सरकारी शैक्षणिक नेटवर्क बन गया है।
डी.ए.वी. स्कूल पी.जी.सी बिहार शरीफ में एक नया इतिहास : स्थानीय विद्यालय डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल पी.जी.सी बिहार शरीफ में राष्ट्रीय कैडेट कोर ( एन.सी.सी.) ३८ बटालियन के तत्वाधान में ३ /३८ कंपनी के छात्रों का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। वर्तमान सत्र २०२५ - २६ के अक्टूबर महीने में एन. सी. सी. ३८ बटालियन की ३ /३८ कंपनी विद्यालय परिसर में पंजीकृत हुई है। विद्यालय के छात्रों लिए यह अत्यंत गर्व की बात है ।
एकता और अनुशासन की सीख के साथ - साथ अब उनमें देश प्रेम की भावना भी विकसित हो सकेगी । विद्यालय प्रांगण में इस प्रशिक्षण शिविर का आगाज हो चुका है । कंपनी के सभी प्रतिभागियों ने ओज और उत्साह के साथ इसमें भाग लिया।
प्राचार्य के हृदय के उदगार : विद्यालय के यशस्वी प्राचार्य श्री मनोज कुमार दुबे ने एनसीसी छात्रों के प्रति अपने भावोद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विद्यालय के छात्रों के लिए यह स्वर्णिम एवं अविस्मरणीय क्षण है ।
ये बच्चे यहॉं से एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ समाज को एक नई दिशा देने का काम करेंगे । प्रशिक्षक सूबेदार सतनाम सिंह छात्रों को प्रशिक्षित करते समय काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उन्होंने छात्रों से अहर्निश अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान बने रहने की शपथ दिलवाई।
सभी प्रतिभागियों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए देश हित सर्वोपरि है। कर्नल राजेश बाहरी (CO), ने अपनी भावाभिव्यक्ति में कहा कि विद्यालय में इस कंपनी की स्थापना से राष्ट्रहित एवं छात्रहित दोनों ही संभव हो सकेगा । यहॉं से प्रशिक्षित छात्र राष्ट्र की तीनों सेनाओं में अपना अद्वितीय योगदान दे सकेंगे। 3/38 कंपनी के CTO का कार्य विद्यालय के होनहार शारीरिक शिक्षक श्री कौशल कुमार को दिया गया है।
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स्तंभ संपादन व सज्जा
शक्ति. डॉ.सुनीता सीमा अनीता

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सत्य प्रकाश डी.ए.वी. बाल मेला : समाचार : ०
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एस.पी.आर्य डी.ए.वी.में बाल मेले की धूम मची चाचा नेहरू के साथ साथ
याद किये गए झोले वाले बाबा
संपादन
शक्ति प्रिया डॉ.सुनीता अल्पना.


चाचा नेहरू के साथ साथ याद किये गए झोले वाले बाबा : कोलाज : शक्ति प्रेरणा लवली प्रियांशी
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चाचा नेहरू के साथ साथ याद किये गए झोले वाले बाबा : जहाँ देश प्रदेश डी ए वी शिक्षण संस्थानों में चाचा नेहरू प्रेम वश याद किए गए वही आज बिहारशरीफ शहर के हृदय स्थल पर अवस्थित एस.पी.आर्य डी.ए.वी.स्कूल में
चाचा नेहरू की स्मृति में बाल मेले का भी सफलता पूर्वक आयोजन हुआ। ध्यातव्य है कि दिनांक १४ नवम्बर को विगत चुनाव के वोटों की गिनती के परिणामवश यह आयोजन दिनांक १५ नवम्बर को भली भांति संपन्न हुआ।
१५ नवम्बर का दिन समस्त विद्यालय परिवार के लिए अति विशिष्ट साबित हुआ है क्योंकि डी.ए.वी.संस्था के पुण्यधाम ,सैकड़ों डी.ए.वी विद्यालयों की स्थापना करने वाले भूतपूर्व निदेशक स्व.महात्मा नारायण दास ग्रोवर की जयंती भी इस दिन ही थी। अतः एक पंथ दो काज कहावत वाली सिद्ध हुई। ख़ुशी दुगनी थी।
इस पावन अवसर पर अभिवावकों,बच्चों ,तथा संस्था के विशिष्ट अधिकारी गणों की उपस्थिति से कार्यक्रम की रौनक और भी बढ़ गई थी । नन्हें बच्चों के फैशन शो : आज विद्यालय के छात्र -छात्राओं ने नन्हें बच्चों के साथ फैशन शो का अद्भुत प्रदर्शन किया। रैंप पर बच्चों ने अपनी उपस्थिति प्रशंसनीय उपलब्धि दिखलाई। हौसला अफ़्जाई के लिए सैकड़ों दर्शकों अभिभावकों एवं अन्य पूर्ववर्ती छात्रों तथा अतिथियों की तालियाँ उन नन्हें बच्चे बच्चियों के लिए अविराम गूँजती रही, जो रैंप पर अपना प्रदर्शन कर रहें थे ।
आर्ट एवं क्राफ्ट गैलरी : इसके साथ ही आर्ट एवं क्राफ्ट गैलरी में लगभग साठ से ज़्यादा छात्र - छात्राओंं ने अपनी खूब कलाकारियाँ दिखाईं। सुन्दर कलात्मक प्रदर्शनी थी यह। कई कलाकृतियां बहुत ही उम्दा थी। उन्होंने स्टॉल लगाकर व्यावसायिक गुर सीखे एवं नूतन अनुभव प्राप्त किए ।
व्यंजनों के विभिन्न स्टॉल : शिक्षक शिक्षकाओं के समुचित मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं ने फ्रूट सलाद, अंकुरित अनाजों की चाट एवं अन्य चटपटे व्यंजनों की स्टॉल लगाई, जो लोगों को बेहद भायी । उन स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी बच्चों ने अतिथियों से ढेर सारी वाहवाही बटोरी।
एक स्पोर्ट्स कॉर्नर भी : इतना ही नहीं छात्रों ने एक स्पोर्ट्स कॉर्नर का संचालन भी किया था , जो अन्य बच्चों एवं अतिथियों को खूब पसंद आया। इन स्टालों पर भारी भीड़ भी देखी गयी।
शक्ति प्रधानाचार्या का आभार : जाते जाते अभिभावकों एवं अतिथियों ने इस आयोजन की भूरि - भूरि प्रशंसा की। साथ ही इस सार्थक बाल मेला के सफल आयोजन का पूरा श्रेय विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अंशिमा सिंह ,वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाओं, के साथ सह-पाठयक्रम गतिविधियाँ से जुड़ी कुशल नेतृत्व प्रदान करने वाली शिक्षिका शक्ति समूह को दिया। समस्त विद्यालय इस विशेष दिन अत्यंत उल्लासित था।
आशा है भविष्य में ऐसे अनेक उत्सवों के आयोजन एवं कुशल शिक्षण से शहर के छात्रों को सर्वांगीण विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे । विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अंशिमा सिंह ने सभी आगंतुकों का हार्दिक अभिनन्दन किया।
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समाचार संसाधन : शक्ति अंशिमा नीलिमा नीतीश
चित्र : कोलाज : शक्ति प्रेरणा लवली प्रियांशी
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डी.ए.वी. जागरूकता अभियान : समाचार : २
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मेरा मत,मेरा अधिकार.
डी ए वी विद्यार्थियों ने चलाया मतदाता जागरूकता अभियान.
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शॉर्ट : न्यूज़ क्लिप : साभार : साधना न्यूज़.

संवाद सूत्र / गया जी : प्राचार्या सह ए आर ओ ,अंजलि, प्राचार्य गोविन्द जी तिवारी सहायक राज्य संगठन आयुक्त, मगध प्रमण्डल ,राज किशोर पांडेय की देख रेख में गया जी शहर स्थित डी ए वी पब्लिक स्कूल कैंट व मानपुर के स्काउट और गाइड के बच्चों ने प्रातः कालीन सभा में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन किया।
जिसमें विद्यालय के बच्चों ने नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम व शपथ पत्र भरने के सिलसिले में सभी को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक किया। सम्पूर्ण समाज के लिए यह एक जागरूक सन्देश था हर काम छोड़ो, पहले अपना वोट करो – मेरा मत, मेरा अधिकार ! से आम अवाम परिचित हो। देश के सजग नौनिहालों यथा बच्चों द्वारा चलाए गए इस मतदाता जागरूकता अभियान की सर्वत्र अभिभावकों द्वारा मुक्त कंठ से प्रसंशा की गयी।
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संसाधन : संपादन : गोविन्द जी तिवारी प्राचार्य : डी ए वी

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डी.ए.वी. खेल : समाचार : ३
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डी.ए.वी.संस्थानों में रन फॉर....
डी. ए. वी., पब्लिक स्कूल पी. जी. सी. में रन फॉर डी.ए.वी. कार्यक्रम का सफल आयोजन.
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संपादन.
शक्ति. अंशिमा सिंह.प्राचार्या.
आर्य.मनोज कुमार दुबे.प्राचार्य.
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समाचार : फोटो : संकलन.लेखन.
शक्ति : पल्लवी. आर्य : मुकेश कुमार ठाकुर.
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सम्यक साथ : विचार : प्रयास : रन फॉर डी ए वी : फोटो : शक्ति. मीडिया.
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जिस मनुष्य के विचारों में दृढ़ता हो, भावों में समर्पण हो , चेहरे पर अहर्निश आत्मविश्वास अठखेलियॉं करता हो एवं अपने कर्तव्य को निष्ठापूर्वक अंजाम तक पहुॅंचाने में समर्थ हो,उस व्यक्ति को सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है ।
रन फॉर डी ए वी कार्यक्रम : डी ए वी प्रबंधकर्तृ समिति, नई दिल्ली के तत्वाधान में ' रन फॉर डी ए वी कार्यक्रम का आयोजन बिहार राज्य स्थित विभिन्न डी ए वी विद्यालयों यथा डी ए वी, कैंट एरिया गया जी , मानपुर , के साथ साथ पी जी सी, बिहारशरीफ एवं डी ए वी लहेरी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया । इस कार्यक्रम में गया डी ए वी के प्राचार्य गोविन्द जी तिवारी , प्राचार्या अंजलि सहित बिहारशरीफ स्थित दोनों डी ए वी विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं सभी छात्र -छात्राओं ने वढ़ - चढ़कर हिस्सा लिया ।
इसके पीछे निहित एक मात्र संदेश था।
'स्वास्थ्य ही सर्वोत्तम धन है ' का अर्थ है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा खजाना है, जिसके बिना धन का कोई महत्व नहीं है। यह कहावत बताती है कि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की हर चुनौती का सामना करने और खुशी पाने की नींव है। स्वस्थ व्यक्ति ही धन कमा सकता है और उसका सही उपयोग कर सकता है, जबकि बीमार व्यक्ति के लिए धन भी निरर्थक हो जाता है।

' खेलोगे - कूदोगे तो बनोगे ......पढ़ोगे - लिखोगे तो बनोगे ......: फोटो : शक्ति. मीडिया.

खेलोगे - कूदोगे तो बनोगे खराब : गलत सिद्ध होगा यह : प्राचीन कहावत है.' खेलोगे - कूदोगे तो बनोगे खराब पढ़ोगे - लिखोगे तो बनोगे नवाब : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस कहावत को अक्षरश: नहीं तो अंशत: अवश्य ही झूठलाया जा सकता है। उपरोक्त विशेषताऍं किसी व्यक्ति विशेष में स्वत: नहीं आ जाती है । ये सारे सद्गुण स्वयं में समाहित करने के लिए उसे हर संभव प्रयास करना पड़ता है।
यह प्रयास तभी सार्थक हो पाता है जब खेलकूद उसके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाता है। आज खेलकूद महज शरीर स्वस्थ रखने का साधन नहीं रह चुका है; बल्कि नवाब बनने का बहुत बड़ा जरिया भी बन गया है। शिक्षा की ज्योति देश-विदेश में प्रज्वलित करने वाली शैक्षणिक संस्था डी ए वी विद्यालय परिवार का योगदान भी इस क्षेत्र में काफी सकारात्मक एवं प्रशंसनीय रहा है ।
छात्र-छात्राओं के लिए १० किलोमीटर एवं ५ किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता करवाई गई। शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के लिए २ किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई ।
कार्यक्रम का शुभारंभ पी जी सी बिहारशरीफ के प्राचार्य श्री मनोज कुमार दुबे एवं डी ए वी लहेरी की प्रधानाचार्या श्रीमती अंशिमा सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
प्राचार्य श्री दूबे ने अपने उद्बोधन भाषण में खेलकूद को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यावश्यक बताया । उन्होंने कहा कि क्रिकेट के क्षेत्र में विश्व विजेता बनने वाले दोनों कप्तान कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी डी ए वी जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान से ही पढ़कर आगे बढ़े हैं।
जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा हो या क्रिकेट के महानायक विराट कोहली हो, ये सभी महान विभूति इसी संस्थान में शिक्षित होकर देश के नाम को चार चांद लगाए हैं। आशा ही नहीं मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूॅं कि इस विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राऍं आने वाले दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रोशन करेंगे।
दौड़ प्रतियोगिता का शुभारंभ प्राचार्यद्वय के कर - कमलों द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। दौड़ प्रतियोगिता आरंभ होते हुए विद्यालय प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजायमान हो उठा। सभी प्रतिभागी काफी रोमांचित और उत्साहित दिख रहे थे।
१० किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों के नाम है
१. अमन पांडे - X D. २. सोनू कुमार - IX B. ३. देवराज कुमार -X C. ५ किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों के नाम है - १. प्रत्यूष राज - VII A. २. अंश निराला - VII B. ३.युवराज आनंद - VIIC. २. किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले शिक्षक - प्रथम स्थान - चंदन कुमार द्वितीय स्थान - अमर कुमार सिंह, तृतीय स्थान - मनोज कुमार तिवारी को प्राप्त हुआ।
' रन फॉर डी ए वी 'में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए अल्पाहार में फल एवं लस्सी की व्यवस्था थी। प्रतियोगिता में सफल हुए सभी प्रतिभागियों को प्राचार्यद्वय के द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया।
विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री पंकज कुमार सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
समाचार : फोटो : संकलन.लेखन.
शक्ति : पल्लवी.आर्य : मुकेश कुमार ठाकुर.

*

*
शक्ति. डॉ.रश्मि.आर्य.डॉ.अमरदीप नारायण. नालन्दा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर.बिहार शरीफ.समर्थित.  
*
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मुझे भी कुछ कहना है : आर्य वचन : आभार : पृष्ठ : ९.
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संपादन.
शक्ति.प्रिया संजय अंशिमा.
*
मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : ९ / १
*

आर्य : प्रत्येश :
शिक्षण : ओक ग्रोव स्कूल. मसूरी
*
सह : डॉ. सुनीता वनिता
*
गीता सार
*
किसने कल देखा है और कौन देखेगा
गीता सार : जो हुआ वो अच्छा था , जो हो रहा है वह भी अच्छा है
जो अच्छा होगा वह भी अच्छा ही होगा
बस अपने हिस्से का सम्यक कर्म करते रहो
*

अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो वा
युद्धिष्ठर

*
सीधे ही महान बनने का कोई विद्यालय ना कभी भूतकाल में था, ना आज है और ना कभी भविष्य में होगा. * समाज, देश, धर्म, और मानवता के लिए किए गए अच्छे कर्म, सेवा व त्याग ही व्यक्ति को महान बनाते हैं. * अपने परिवार के लिए तो प्रत्येक व्यक्ति यही करता है
शक्ति.पल्लवी.आर्य मुकेश ठाकुर.
*
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम.आभार : प्रदर्शन पृष्ठ : ९ / २
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संपादन 
त्रिशक्ति : फ़रहीन स्मिता लवली
*

*
आर्य..राकेश कुमार.
प्रधान आचार्य : डी ए वी. हिमाचल.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम : पत्रिका पृष्ठ में
गरिमामय उपस्थिति व से जुड़ने के लिए आभार
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आभार : प्रदर्शन पृष्ठ : ९ / २
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डॉ. सुनीता मधुप भावना
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मेरे आदर्श : डी ए वी परिवार से
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माननीय अभिनेता, समाज सेवी, सांसद
सुनील दत्त जी को
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देश प्रेम : गर्व से कहें कि हम हिंदुस्तानी हैं
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फिल्म : हम हिदुस्तानी. १९६०.
सितारे : सुनील दत्त. आशा पारेख. संजीव कुमार.
गाना : छोड़ो कल की बातें कल की बातें पुरानी.
गीत :प्रेम धवन. संगीत :उषा खन्ना. गायक : मुकेश.
गाना सुनने व देखने के लिए दिए गए लिंक को दवाएं

Shakti.Pooja. Arya.Dr.Rajeev Ranjan. Child Specialist.Biharsharif. supporting 
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English Section.
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M.S Media
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Times Media Powered Contents
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Krishna : Karm
Krinvanto Vishwam Aryam :
Blog Magazine Page
English Section.


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Contents Page : English.
Cover Page : 0.
Contents Page : 1.
Shakti Editorial Page : 2.
Krinvanto Vishwam Aryam. Shakti Vibes.Page : 3
Krinvanto Vishwam Aryam. Shakti Editorial Writeups : 4. 
Krinvanto Vishwam Aryam. Short Reel : News : Special  : Page : 5.
Krinvanto Vishwam Aryam.Shakti Photo Gallery :  Page : 6.
 Krinvanto Vishwam Aryam.Shakti : Kriti Art  Link :  Page : 7
Krinvanto Vishwam Aryam.Days Special : English : Page : 8.
Krinvanto Vishwam Aryam. You Said It : Page : 9.

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An Arya : Dr Dinanath Verma : Physician : Kisan Bag : Biharsharif : Supporting 
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Shakti Editorial : Page : 2 : English Section.
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English : Section.
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Chief Shakti Editor
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Shakti. Anjali. Priya. Bhagwanti.
Principals
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Executive Editor.


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Tri Shakti.Dr.Sunita Seema Anshima Singh.
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Asst.Executive Editor.
Shakti.Prerna.Suruchi.Shivani.


Shakti Suruchi Nagpur.
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Photo Reels Editor.
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Tri Shakti Priyanshi Lovely Sakshi.
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Always being with you Mahashakti Legal Houses Suggesting Supporting
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Krinvanto Vishwam Aryam. Shakti Vibes.Page : 3
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Editor
Shakti Seema Farheen Preeti.
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We need to have three things
The heart to feel
The mind to convince
The hands to work
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Swami Vivekanand.
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Krinvanto Vishwam Aryam. Shakti Editorial Write Ups : 4. 
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Editor 
Shakti Madhvee Seema Shahnaj 
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Short Story : Think Before You Act.
Pankaj Kumar. Deoghar.
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There were two frogs that lived in a marsh. They were very happy there. But as the hot summer approached the marsh began to dry up. In a few days, the marsh became totally dry. So, the frogs decided to leave and look for another place to live after some search they found a deep well. They sat on the edge of the well and looked inside. The well was full of water. One of the frogs got so overjoyed to see the water, "This well looks the best place for us to live. It will be cool and safe inside. Let's jump in" he shouted.
The other frog was more sensible and replied, "Not so soon, my friend! We left the marsh when it had dried up. So, first think how we shall get out of the well if it gets dry".

Story Editor : Sanjay Kumar Sinha. Ex.Principal.Dav.

* Dr. Deenanath Verme : Drishti Clinic : Kisan Bagh : Biharsharif : powering
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Short Reel : News : Special : English : Page : 5.
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 Editor.
Shakti Anshima Shahnaz Namita Singh. 
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Dav PGC, SP Arya  students enjoying an Adventure Camp.
News Report : Dr.Sunita Seema Anshima Singh.
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Dav PGC, and SP Arya School kids enjoying adventure camps
 : photo. MS Media.

CR / Nalanda. Today I was witnessing a 2 day adventure camp that took place in PGC Dav Biharsharif . Interested  students participants  from SP Arya & PGC Bihar Sharif enthusiastically took part in the adventure camping.
A complete jungle set up was there. I was assuming that I was somewhat in the war camp where students were being trained. Really my experiences were awesome. 
As we observe in  the adventure camps in schools offer thrilling, supervised activities  like zip-lining, climbing, zorbing  for physical and mental growth, building confidence, teamwork, and life skills away from screens, often held within school grounds or nearby venues for a few hours to overnight, providing fun, stress relief, and experiential learning for students of all ages. 
These are the key Features of  Activities : Rock climbing, zip lines, Burma bridges, commando nets, water zorbing, obstacle courses, treasure hunts, team-building games, and survival skills.
About Benefits : While talking to the principal M K.Dubey, PGC Biharsharif, he said ' If we talk about its  benefits it boosts the confidence, leadership, social skills, problem-solving, stress reduction, and teamwork.It simply  gets kids off ' screens.'
Personally observing the safety : While moving to the point to point I noticed that  the trained professionals were conducting this camp  in  a very controlled manners and environments. 
Often within school premises or safe outdoor locations give the maximum pleasure to the students participants.
I raised the question before the SP Arya Principal Anshima Singh , ' How do the adventure camps  work ? While answering to my question she quoted  , ' Schools partner with adventure companies  bring the experience to the children.Programs integrate fun with educational goals, focusing on experiential learning and holistic development of the participants. 


Shakti aiming her goal : Short Film : MS Media.
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Adventure camp shapes different formats are as  Day camps (half/full day) or overnight camps, with customizable programs for different age groups. 
Such examples of activities are fixed for Physical Challenges: Tarzan swings, rope ladders, trampolines, tyre towers.
Mental Challenges: Magical mazes, solving puzzles, nature scavenger hunts.
Team Games : Tug-of-war, group challenges.
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Column Editing : Shakti Madhvee Shivani Shahnaz
Decoratives : Shakti Sudipta Preeti Anita.
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Caring & Support : P.K Sinha.V.K.Roy. Santosh. MK Thakur ( Media IC)  
 
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SP Arya DAV Public School 
Powering 
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 MAHATMA N.D. GROVER Jayanti :  News : English :  Page : 1 / 2
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Editor.
Shakti Anjali Anshima Seema 
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a write - up.
Shakti Priya Dr.Sunita Madhup
Remembering an Arya Samaji or a Jhole Bala Baba on his Birthday.

 
MAHATMA N.D. GROVER
(15th Nov. 1923 - 6th Feb. 2008)
Dr. Sunita Madhup Raman.

Remembering a Jhole Bala Baba : Unitedly all Davian family throughout the Dav institutions in Bihar Jharkhand specially remember the Mahatma ND Grover a prominent Indian educationist and Arya Samaji activist on his birthday by paying floral tribute to him.


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Fair Festival for Fun  and Food held at SP Arya 

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News Clipping : Editing  : Shakti Prerna Priyanshi Dr Sunita 

By  combining the day of 14th and 15th of November there several cultural, games activities and Fair Festival  are held in Dav Cant, Manpoor,Sherghati, PGC, SP Arya  Biharsharif., Rajauli and  Nawada.All together the Davian Mahatma  was remembered with the great personality Pandit Jawahar Lal Nehru.  I believe that Pandit jee was an impressive writer whose work the Discovery of India always strikes  me.  
Davians  paying the handful floral tribute * : We all together known to him pay the handful floral tribute to that saint who was a self less. And he rendered his whole life to the promotion of DAV Movement. He was the chief architect for the opening of DAV Schools in Bihar Jharkhand around last two decades of the 20 th century.  
He was offered a herculean task to establish the DAVs in Eastern India in 1982. It was his sheer grit, undaunted courage, untiring zeal, inexhaustible energy and farsighted vision that now a days more than 200 DAV educational institutions are running in collaboration with various public and private undertaking along with the schools directly managed by DAV College Managing Committee, New Delhi.


Floral tribute to the Arya Samaji : Baba : file clip of PGC Biharsharif.: Photo : MS Media. 

My Remembrances * : I just remember and remember I was at Nainital. It was just about 10 to 15 years back.I stayed at Arya Samaj Dharamshala  at Mallital. Every day by 5 am a prathana sabha is held in which devotees have to attend necessarily. 
I came across with an aged resident person there . And in the continuation I asked about an Arya Samaji N.D. Grover. He shared his memory that in any conference he met him. On that very day I realised his popularity I met him twice or thrice time. As he was the pre partitioned born person having vast experiences about the partition. That is why I wanted to ask something about his feelings regarding pre and post independence.
I remained unfortunate he left the world before I had completed my task. 
 .

chasing the footprint of a great Arya Samaji : Mahatma : collage : Shakti Media.

Life Sketch* : Just remembering Mahatma Narayan Das Grover was born on 15th November, 1923 at Isakhel in Pakistan. Having obtained his master degree in Chemistry from Punjab University, he joined as lecturer in D.A.V. College, Lahore in 1945. 
After the national split, he resumed his service in DAV College, Ambala City and served there till 1960. He had the proud privilege to be the founder Principal of D.A.V. College, Abohar, Distt.- Ferozepur, Punjab. 
During his tenure, from 1960 to 1977, he established several educational institutions in its campus for which it is known as 'Mini University'. He served as the Principal in Dayanand Post Graduate College, Hissar (Haryana) from 1977 to 1982. 
He adopted the life membership of DAV Society, the rarest contribution given to the Arya Samaj, in 1957. He also served as the Vice President of DAV C.M.C. New Delhi.
an art work : Sudipto 
Gandhian in thought and philosophy *,  Deeply influenced by Gandhiji in thought and philosophy, he led an exemplary austere and simple life with a sole motto to spread the light of education in every nook and corner of the region wherever he worked. To accomplish his dream he moved from place to place and established schools and colleges in Punjab, Haryana, Jharkhand, Bihar, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Orissa and West Bengal. 
He was lovingly called 'Jholewala Baba' and reverently " Karmyogi.
He was not only an inventive educationist but also a social reformer, who strived throughout his life to uplift the standard of the poor and destitute. He stretched his helping hand to all those needy who came in his contact. This 'Jholewala Baba' showered his fatherly affection to the children who lost their parents in the super cyclone of Orissa by establishing an orphanage named 'Vedic Bal Ashram'.
Selfless Services * : He started 'SANKALAP SARV SHIKSHA Centres' for the eradication of illiteracy among the poor and needy. He organized 'Free Eye Camps' every year for tribal people and founded 'SWAMI DAYANAND NETRALAYA' in Khunti, Jharkhand where tribal people get free treatment and medicine.
This true Karmayogi foresaw the pivotal role which women can play in the 21st century and worked for their empowerment by dispelling the darkness from their lives through the light of education. He promoted 'Women Education' especially in tribal zones. He worked on self dependence of women and initiated 'Vocational Training' for their self-dependence and dignified status.
He was a great teacher who by his intuitive acumen and a deep sense of moral duty left an everlasting imprint on the minds of intellectuals and instilled the lesson of moral character in his pupils. He was a committed worker of Arya Samaj, true follower of Maharshi Dayanand and above all, embodiment of selfless service, free from all narrowness, truthful in thought and fearless in action.
End of the Journey * : He left for his heavenly abode on 6th February, 2008 at Chandigarh after a brief illness. It was the end of an epoch-a memorable epoch that has bequeathed an undying legacy to the posterity to wonder whether such a man has moved in flesh and blood on this earth.

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remembering a prominent Indian educationist and Arya Samaji
Visual : News Clip : Shakti. Anjali Principal Cum ARO DAV.
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Column Editing : Shakti Anjali Anshima Seema.
Decorative : Shakti : Smita Prerna Farheen. .

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Krinvanto Vishwam Aryam : Bal Mela : Fair Festival : English : News : 2
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Registration Forms Available at SP Arya DAV Public School.
for the Admission of 2026 - 2027 Session.
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Bal Mela : Held at 15th of November.
News Clip Dr.Sunita Seema Anshima Singh.

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having a fun in the Fair Festivall
News Visual : Clipping : 1. Shakti Shalini Prerna Manju

CR / Nalanda.
I remember my school days while I was a student waited for 14 th of November. As in our school the entire day stood for the complete relaxation,cultural activities and entertainment.
Bal Divas falls annually on November 14 is very famous for the birthday celebration of the first and foremost Prime Minister of India, Pandit Jawahar Lal Nehru,our beloved chacha.
The Bal Divas Celebration reminds society of its duty to protect the happiness, education, and health of children. Schools all over India wear a festive look with cultural programs, fair festivals ,games, and activities which are both entertaining as well as instructive.
Continuing the same tradition on the occasion of Children’s Day, SP Arya DAV Public School with its enthusiastic teaching staff organizes a Bal Mela on 15 th of November 2025 Saturday at 11 a.m to 2 pm. Under the co curricular activity where the Students and kids will show their creativity, imagination, and sense of style in the Fair Festival with the caring guidelines of the teaching staff and other members.
Really it will remind us that how much Chacha Nehru was so caring for the kids and the children.
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News Clip : 2 : Shakti Priya Dr.Sunita
Madhup.
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Shakti : Anjali : Principal Cum ARO.Dav.
a passionate expression over Bal Mela.
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The Remaining Part : 2
Style with a Smile : The Eco Fashion Show On Children's Day.
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Dr. Sunita Anshima Prerna.
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an art work : Sagar Kinare : Editor : Shakti. Anshima Priyanshi Farheen. 

Bal Mela : Seemed to be a tri Shakti Project : Yesterday It was seemed to be a Shakti Project where all were working unitedly for round of Clock 24 hours under the guidelines of the * trishakti leading team. The school was completely changed for a day special.
I visited by the early morning. The interface of school changed itself in a digital alluring, decorative look. The all staff and kids were humming for the completion of the assigned task.
We unitedly Dev Shakti Media Team place a heartfelt gratitude to them that complete our dream of Bal fair conducted in a very unforgettable manner.
Art and Craft Gallery : Drawing our attention : An art work always touches me. Personally I visit the gallery that showcases the unexpected artistic creative touches of the creators. Art and Craft Gallery is an initiative brings liveliness among the visitors through creative skills and imagination. It is an initiative to support artisans ...
a Shakt Artist : photo :
Dr. Yashaswi Alpana Shweta 
A walk for Style and Fashion : Here it has been  an exciting opportunity for all our young fashion  Students enthusiasts! On the occasion of Children’s Day, our school organizes a Fashion Show where you can showcase your creativity, imagination, and sense of style. Students from Classes 6 to 8 participate in this team competition, which  includes One Fashion Designer and  One Model.
The model takes part from Classes LKG to 2 trained  by the fashion designer.
Special Instructions are given to the participants design outfits using recycled or waste materials, or they may use any unique or innovative concept that reflects their own creativity and imagination.
Save Earth  or Go Green   Some creative ideas include : Dresses made from old newspapers, ribbons, and paper flowers,outfit inspired by nature, festivals, or Indian culture
Costume showing a social message like  ' Save Earth'  or ' Go Green' 
The visitor visualise the theme-based designs such as Rainbow look, Ocean queen, Flower garden, or Traditional fusion etc. This event is a wonderful way to promote the creativity, teamwork, and environmental awareness.
Interested students should give their names to their class teachers within one or two days. Let’s design fashion with imagination, innovation, and joy! 
Different Food Stall : The taste of Dav :

the taste of India : infact DAV :
photo :  Shakti Shalini Farheen Prerna 
A food stall at a bal fair assuming this refers to a children's or community fair can offer a variety of food options like classic carnival treats and local street food, which can include everything from popcorn and cotton candy to chaat, dosas, pav bhaji, and momos.
These stalls are usually popular for providing affordable and popular choices that are quick and easy to prepare, such as Indian street food items like the idli, dosa, chat or jhal muri.
Our media team experienced different food stalls which were arranged by the students. At every stall they were greeting every visitor with a positive hope.
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News Clipping Editing : Shakti Madhvee Sangita Dr.Bhwana
Decorative : Shakti. Shalini Alpana Farheen
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Krinvanto Vishwam Aryam : Nirvan Divas : English : News : 1
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Nirvan Divas of Dayanand Saraswati : being celebrated on the eve of Diwali
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Arya Samaj Celebrates Diwali as the Nirvan Divas of Dayanand.

CN / Featured Desk : News : The Nirwan Divas in the conventional way the death anniversary of Dayanand Saraswati is celebrated on Diwali, the festival of lights. This is a significant day for the Arya Samaj, which he founded, as they pay tribute to his life and mission.
Date : Diwali, which falls on a different date each year, is considered the day of his Nirvan Divas.
Dayanand Saraswati born Mool Shankar Tiwari, was a Hindu philosopher, social leader and founder of the Arya Samaj, a reform movement of Hinduism. His book Satyarth Prakash has remained one of the influential texts on the philosophy of the Vedas and clarifications of various ideas and duties of human beings
As the entire Dav institution follows the principles of Dayanand Saraswati that is why with the upcoming of Deepawali festival they simply remember the Maharishi Dayanand by performing yagna and paying floral tribute to the great
Significance : It is the anniversary of the day the founder of the Arya Samaj left his physical body.
Celebrations : The day is marked by commemorating his teachings and work, often through events held by the Arya Samaj.
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Krinvanto Vishwam Aryam : Dav : English : News : 0
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A Festive Celebration of Culture at D.A.V. PUBLIC SCHOOL S.P. ARYA
News Story. : Shakti.Anshima Singh.
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Deepavali or Diwali is an Indian festival of lights. ' Deepa' means lamp or light and'Vali' means string or row, and Deepavali means rows of lights. It celebrates the victory of good over the evil.
Diwali (or Deepavali) is celebrated to commemorate the triumph of good over evil, light over darkness, and knowledge over ignorance, with key reasons including the return of Lord Rama to Ayodhya after defeating Ravana, Goddess Lakshmi's victory, and the Nirvana of Lord Mahavira.
The festival is characterized by lighting lamps (diyas), decorating homes, exchanging gifts, feasting, and setting off fireworks, all symbolizing prosperity and new beginnings across faiths including Hinduism, Sikhism, and Jainism
Unitedly Deepavali is celebrated with all swings in the entire Dav Institutions. as DAV Cantt Area, Manpur, Gaya , PG Campus, and SP Arya Biharsharif.

creating a vibrant atmosphere with their great Indian cultural program: Shakti Collage : SP Arya Dav School.

It is noteworthy that before the Diwali holidays, the students of S.P. Arya D.A.V. Public School created a vibrant atmosphere with their cultural program that left everyone spellbound. From L.K.G. to Class III, the little ones presented devotional songs and scenes from the Ramleela. Students of Classes IV and V made beautiful posters on Suryopasana (Sun worship). Meanwhile, the girls of Classes VII and VIII, along with other students in groups, gave a touching and dramatic performance of melodious Chhath Puja songs, which deeply moved the audience. This year, the responsibility for designing the rangoli was entirely handled by the boys students only and they were also awarded for their efforts. Parents expressed that at S.P. Arya D.A.V. Public School, along with academic excellence, special attention is also given to the all-round development of students through sports and cultural activities. They credited this success to the able leadership of the school’s Principal,Mrs. Anshima Singh.

Column Decorative Editor : Dr. Sunita Seema Shahnaj.



Workshop.
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A&M. Media Powered.
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Dr.Shashi Ranjan Nalanda Nurshing Home & Multi Hospital Supporting 
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Krinvanto Vishwam Aryam.Shakti Photo Gallery :  Page : 6.
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Editor.
Shakti. Shalini Smita Namita  
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an Arial view of Victoria Falls Southern Africa : Photo Shakti *Bhagwanti.Sudipta.Bani
a click of the Sun Setting near the Sea : Photo Shakti Namita* Samita Vanita. 

a travelogue click of Darjeeling Station : Shakti Namita Singh.
Keshav Jewellers Chowk Bazar : Pul Par Bihar Sharif. Supporting
Shakti : Saakshi : Sajawat : SP Arya : Collage : Shakti Alpana : Priyanshi : Farheen : 
Shaktis performing the Vedic Hawan for having a victory over the evil : Dav. Shakti Prerna Farheen Priyanshi.  

-------- Krinvanto Vishwam Aryam.Shakti : Kriti  :  English : Page : 7
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Editor 
Shakti Sudipta 
Priyanshi  Prerna. 
United Shakti Kalika against the Evil : Art Work : Shakti Nanhi .SP Arya.

Arya. Abhishek : Branch Manager  : IDBI. Bihar Sharif Supporting 
an art work of train : Saksham Kumar Dav Cantt : Gaya Jee


-------- You Said It : English Hindi : Page : 9 --------- Editor. Shakti Seema Sakshi Lovely. * -------- Seen : Somewhere : Cartoon 9/0 ---------- Editor Shakti Priya Madhvee Seema * Madhup 's Cartoon Corner *
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Nepotism : in Politics.
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Shakti Lovely 
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Nitish Kumar. Media IC. Dav. SP Arya.
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Comments

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