Radhika : Krishna : Rukmini : Darshan : Patrika

  ©️®️ M.S.Media.
Shakti Project.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम. 
In association with.
A & M Media.
Pratham Media.
Times Media.
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https://drmadhuptravel.blogspot.com/2025/03/radhika-krishan-darshan.html
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आवरण पृष्ठ :०.

महाशक्ति : कोलाज 

राधिकाकृष्णरुक्मिणी : दर्शन.
पत्रिका अनुभाग 
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : दर्शन.
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प्यार : व्यवहार : संस्कार. 
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.महाशक्ति मीडिया प्रस्तुति. 


मेरो तो गिरधर गोपाल दुसरो न कोय. 
राधिका : कृष्ण : रुक्मिणी दर्शन. 
त्रि - शक्ति.
विषय सूची.

फोर स्क्वायर होटल : रांची : समर्थित : आवरण पृष्ठ : विषय सूची : मार्स मिडिया ऐड : नई दिल्ली.
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दैनिक / अनुभाग..
ब्लॉग मैगज़ीन पेज. 
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विषय सूची : पृष्ठ :०.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी. दर्शन :

दर्शन डयोढ़ी : राधिकाकृष्ण : पृष्ठ :०.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी. दर्शन : आज : पृष्ठ :०.
नवशक्ति.शिमला डेस्क.प्रस्तुति.पृष्ठ : ०.
त्रि शक्ति : विचार धारा : पृष्ठ १ 
 राधिकाकृष्ण : जीवन दर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ : १ / १
रुक्मिणीकृष्ण :जीवनदर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ /२.
मीराकृष्ण जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ /३.
नवशक्ति. विचार धारा : अंततः : पृष्ठ :१ /४.
राधिकाकृष्णरुक्मिणी  : सम्पादकीय शक्ति : पृष्ठ : २.  
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : आज का गीत : जीवन संगीत :भजन : पृष्ठ : ३
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कोलाज दीर्घा : पृष्ठ : ४ . 
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५ .
दिन विशेष : आज : आज का पंचांग : राशि फल : पृष्ठ : ६ .
राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ७ . 
राधिकाकृष्णरुक्मिणी :समसामयिकी. समाचार : दृश्यम पृष्ठ : ८ .
मुझे भी कुछ कहना है : आपने कहा : आभार : पृष्ठ : ९.

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 स्वर्णिका ज्वेलर्स : निदेशिका.शक्ति.तनु. आर्य.रजत.सोहसराय.बिहार शरीफ.समर्थित.

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दैनिक अनुभाग.   
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       सुबह सवेरे : शाम. पृष्ठ :०..
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी  : त्रि शक्ति : दर्शन : विचार धारा  
सम्यक ' साथ ', सम्यक ' दृष्टि ',  ' और सम्यक ' कर्म ' 
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 दैनिक अनुभाग. आज.
विक्रम संवत : २०८२ शक संवत : १९४७
०८.०८ .२५. 
दिन.शुक्र वार  . 
शक्ति दिवस.मूलांक : २   
श्रावण : शुक्ल  पक्ष : पंचमी 


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दिव्य अनंत शिव शक्ति.


 दैनिक अनुभाग.आज. 

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शक्ति. डॉ.रश्मि. आर्य. डॉ.अमरदीप नारायण. नालन्दा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर.बिहार शरीफ.समर्थित.  
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महाशक्ति मीडिया.प्रस्तुति. 

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दर्शन डयोढ़ी : राधिकाकृष्ण : आज : पृष्ठ :०.
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राधाकृष्ण मंदिर
मुक्तेश्वर.नैनीताल. 
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सज्जा : संपादन. 
शक्ति* प्रिया.डॉ.सुनीता मधुप.   
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महाशक्ति मीडिया. शक्ति.प्रस्तुति.

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दर्शन डयोढ़ी : 
राधिकाकृष्ण : आज : पृष्ठ :०.


राधारमण : हरि : गोपाल बोलो. 


फोटो : साभार
*
राधिकाकृष्ण : 
जीत गयी तो ' पिया ' मोरे हारी ' पी ' के संग.

*
स्वर्णिका ज्वेलर्स : निदेशिका.शक्ति तनु. आर्य रजत.सोहसराय.बिहार शरीफ.समर्थित.

*
टाइम्स मीडिया. शक्ति.प्रस्तुति.

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त्रि : दिव्य अनंतशिवशक्ति.
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आज : राधिकाकृष्णरुक्मिणी : दर्शन : पृष्ठ :०.


द्वारिका डेस्क.त्रि शक्ति.दर्शन डयोढ़ी.


फोटो : साभार.
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प्यार : व्यवहार : संस्कार. 
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 शक्ति एकता की त्रि - शक्ति * : फोटो साभार. 
मधुर आत्मीय सम्बन्ध  के लिए 
आपसी ' समझ ',' सहन ' वाणी पर ' संयम ' और ' विश्वास ' अवश्य रखें.  

*

शक्ति : आर्य अतुल : मुन्नालाल महेश लाल आर्य एंड संस ज्वेलर्स.रांची रोड बिहार शरीफ.समर्थित  

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त्रि शक्ति : विचार धारा : पृष्ठ : १ 
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श्री राधिका कृष्ण रुक्मिणी सदा सहायते 


महाशक्ति मीडिया प्रस्तुति.
अनंतशिव : त्रि शक्ति : राधिका रुक्मिणी मीरा विचार : जीवन धारा.

 
  राधिकाकृष्ण : जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ / १ .
राधिका डेस्क. वृन्दावन
सज्जा / संपादन
शक्ति.राधिका @ प्रिया डॉ. सुनीता मधुप. 

राधारमण : हरि : गोपाल बोलो.
फोटो : साभार
*
राधिका : कृष्ण : सार

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शिव : सहिष्णुता : अनंत : आत्मशक्ति 

एक सकारात्मक ' शिव ' प्रेम युक्त सहिष्णु ह्रदय में  ही अनंत आत्म शक्ति निहित होती है
विशेष ज्ञान का प्रारंभ है और इसमें ही जीवन का सार  है

शक्ति.प्रिया ©️ डॉ. सुनीता मधुप. 

*
राधिका बिन कृष्ण की रह गयी जीवन कथा अधूरी
कृष्ण दर्शन, हर सार, में राधा, द्वि शक्ति एक काया पूरी
 
शक्ति.प्रिया ©️ डॉ. सुनीता मधुप. 

*

' समय ' और  ' कर्म 
*
' नेक ' काम करते रहें, ' दरियां ' में डालते भी रहें 
कोई देखे या ना देखे , याद रहे ' सूर्योदय ' होता है तब भी जब ' करोड़ों '
लोग.... ' सोये ' ही रहते हैं
*
  राधिकाकृष्ण जीवन दर्शन : दृश्यम :  पृष्ठ :१ / १.
राधिका डेस्क. वृन्दावन
*

दृश्यम : कृष्ण है विस्तार  यदि तो सार है राधा. 



 टाइम्स मिडिया शक्ति.
रुक्मिणी डेस्क.विदर्भ.प्रस्तुति. 
रुक्मिणीकृष्ण :जीवनदर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ /२ .
*
शक्ति*रुक्मिणी @ डॉ.सुनीता प्रिया मधुप.

सुख दुःख : निवारण : मुक्ति 
*
काहे को दुनियां बनाई. 

किसके लिए ये ' दुनियां ' बनाई माधव... ?
कौन नहीं यहाँ ' गुनाहगार ' है ?
*
साथ : सम्यक : कर्म 
*
कर्मों के ' फल ' की इच्छा से तुम कभी भी प्रेरित मत हो,
और कर्म न करने में भी तुम्हारी ' आसक्ति ' न हो
बस सम्यक ' साथ ' ढूंढों ' मार्ग ' स्वतः प्रशस्त होंगे
*
जो ' होगा ' उस पर ' विश्वास ' रखो 


जो है उसे ' स्वीकार ' करो जो था उसे ' जाने ' दो 
और जो ' होगा ' उस पर ' विश्वास ' रखो 
*
रुक्मिणीकृष्ण :जीवनदर्शन : दृश्यम :  पृष्ठ :१ /२ .
*
कृष्ण : दर्शन : शकुनि : महाभारत प्रसंग 

*
*
नारी :  सम्मान : जीवन : सार  : प्रेम : कृष्ण 


साध्वी : चित्रलेखा : 
कृष्ण के  जीवन  की त्रि शक्ति : रुक्मिणी : सत्यभामा : जाम्बन्ती 
 रुक्मिणी : लक्ष्मी स्वरूपा. सत्यभामा : पृथ्वी स्वरूपा. जाम्बन्ती : शक्ति पार्वती 
*
कृष्ण : यदि छल का आशय धर्म है 

तो छल भी धर्म है....मामा श्री 


प्रथम मीडिया शक्ति. 
मीराडेस्क.मारवाड़. प्रस्तुति
संपादन.
शक्ति.मीरा @ डॉ.अनीता जया मधुप.
*
मीराकृष्ण जीवन दर्शन : दृश्यम : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ /३ .

*
मीराकृष्ण जीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :१ /३ .
*
ईश्वर : भाग्य : कर्म : 

*
उपनिषद 

सर्वे भवन्तु सुखिनः. सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत।
*
सूरदास 

मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज की पंछी, फिरि जहाज पै आवै.
कमल-नैन को छाड़ि महातम, और देव को ध्यावै,
परम गंग को छाड़ि पियासो, दुरमति कूप खनावै.
*
कबीर दास 

ईश्वर : मनुष्य 
*
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं पल भर की तालास में
मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में

*
तुलसी दास 
*
आवत हिय हरषे नहीं, नैनन नहीं सनेह,
तुलसी वहां न जाइए, चाहे कंचन बरसे मेह.
*
मीराकृष्ण जीवन दर्शन : दृश्यम :  पृष्ठ :१ /३.
*
गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो


साभार : शक्ति जया : दृश्यम :  


श्री लक्ष्मी नारायण : होता वही है जो मैं चाहता हूँ 


*

शक्ति.डॉ.ममता. आर्य. डॉ.सुनील कुमार. ममता हॉस्पिटल. बिहार शरीफ. समर्थित. 

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नवशक्ति. विचार धारा : अंततः : पृष्ठ :१ /४.
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*
   ए.एंड एम.शक्ति : प्रस्तुति 
नवशक्ति.शिमला डेस्क.प्रस्तुति.पृष्ठ :१ /४ .  
संपादन / सज्जा 
शक्ति *नैना @ डॉ.सुनीता 'अनुभूति ' मधुप. 
*
अंततः 
*

एकता की त्रिशक्ति : अनंतशिवशक्ति : नवशक्ति.


*
अनंतशिव : शक्ति : नवजीवन दर्शन : शब्द चित्र : पृष्ठ :.

*
मलूक दास 

अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम,
दास मलूका कह गए, सबके दाता राम

*
कबीर दास 
*
सोना ' सज्जन ' ' साधु ' जन, टूटि जुरै सौ बार । 
दुर्जन ' कुंभ ' कुम्हार के, एकै धका ' दरार ' ॥
*
सिद्दार्थ : मध्यम मार्ग : बुद्ध 
*
वीणायाः तन्त्रीं एतावतं कठिनं न कुर्वन्तु यत् सा भग्ना भवेत् 
तथा च एतावतं शिथिलं न स्थापयन्तु यत् तस्याः वीणायाः शब्दः न निष्पद्येत्।
*
भावार्थ 
 वीणायाः तन्त्रीः अतिशयेन मा आकर्षयतु
*
वीणा के तारों को इतना भी मत कसो कि वह टूट जाए 
और इतना ढीला भी न छोड़ो कि उससे सुर ही न निकले
*
अनंतशिव : शक्ति : नवजीवन दर्शन : दृश्यम शब्द चित्र : पृष्ठ :.

*
कवयित्री : शक्ति मनु वैशाली : साभार


दृश्यम : तथ्य कर्म के जीवन के सार शोध कृष्ण है.
*
दिव्य अनंत शिव शक्ति : ' राधिकाकृष्णरुक्मिणी ' : विचार धारा : 

*
महाशक्ति मीडिया प्रस्तुति 

 
राधिकाकृष्णरुक्मिणी  : सम्पादकीय शक्ति : पृष्ठ : २  
*

शक्ति
.डॉ.रतनिका.त्वचा रोग.
आर्य.डॉ.श्रेयांश.शिशु रोग विशेषज्ञ. लखनऊ.समर्थित.

*

एचीवर्स एकेदमी.इंजिनीयर्स एन्क्लेव. बड़ी मुखानी. हल्द्वानी. नैनीताल समर्थित 
*
 राधिकाकृष्णरुक्मिणी  : सम्पादकीय शक्ति समूह : पृष्ठ : २   
*

*
त्रि शक्ति. सम्पादिका.


*
 
शक्ति. रीता रानी. जमशेदपुर. कवयित्री. लेखिका.
शक्ति. क्षमा कौल.जम्मू. कवयित्री. लेखिका.
शक्ति. प्रीति सहाय. पुणे.कवयित्री. लेखिका.

*
त्रि शक्ति.कार्यकारी सम्पादिका
*
शक्ति *बीना.
आर्य.डॉ. नवीन जोशी.
समाचार संपादक. सहारा समय. नवीन समाचार
नैनीताल.
*
शक्ति*रश्मि
आर्य. रवि शर्मा.
कार्यकारी संपादक. दैनिक भास्कर ( कुमाऊँ )
नैनीताल.
*
शक्ति*डॉ.नूतन.
लेखिका.देहरादून.
*
त्रि शक्ति सहायक *सम्पादिका
*
शक्ति.डॉ.अर्चना.कोलकत्ता.
शक्ति.*सीमा.
शक्ति.*डॉ.अनीता.बड़ोदा.
*
त्रि शक्ति विशेषांक *सम्पादिका.
*


शक्ति *जया सोलंकी.जोधपुर.
शक्ति *रंजना.
स्वतंत्र लेखिका : हिंदुस्तान. इंद्रप्रस्थ.नई दिल्ली.
शक्ति.*दया जोशी.नैनीताल.
सम्पादिका : केदार दर्शन : नैनीताल
*
त्रि शक्ति अतिथि *सम्पादिका.
*
शक्ति.डॉ.मीरा श्रीवास्तवा.पुणे
शक्ति.रश्मि.महाराष्ट्र
शक्ति.तनु सर्वाधिकारी.बंगलोर
*
राधिकाकृष्णरुक्मिणी
*
सम्पादकीय संरक्षण त्रि शक्ति.
*

*
शक्ति. रश्मि श्रीवास्तवा .भा.पु.से.
शक्ति. अपूर्वा.भा.प्र.से.
शक्ति.साक्षी कुमारी.भा.पु.से.

*
त्रि शक्ति.क़ानूनी संरक्षण
आभार
*

*
शक्ति.मंजुश्री.मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी.( वर्त्तमान )
शक्ति.सीमा कुमारी.
डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल.
शक्ति.विदिशा.अधिवक्ता.

*
सम्पादकीय.
प्रतीकात्मक आध्यात्मिक केंद्र.
राधाकृष्ण मंदिर.
दर्शन ड्योढ़ी
*
श्री. राधेकृष्ण. सदा सहायते
मुक्तेश्वर.नैनीताल.
*
सत्यमेव जयते
@ सम्पादकीय
आध्यात्मिक प्रभार व संरक्षण .
श्री गोविन्दजी. राधारमण.
*

शक्ति.डॉ.राशि.स्त्री रोग.आर्य. डॉ.मयंक.मस्तिष्क नस रोग.विशेषज्ञ. मुजफ्फरपुर. बिहार.समर्थित.
त्रि शक्ति सम्पादकीय : जागरण : आलेख : पृष्ठ : २ 
 संपादन : शक्ति डॉ.नूतन.रंजना प्रीति .
*
यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे यत् ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे.
अनुभूति : शरीर और संसार की  
शक्ति.आरती अरुण. 
झारखण्ड. 

संसार इस ब्रह्माण्ड का एक छोटा सा हिस्सा भर है और इसकी समस्त क्रियाशीलताऍं एक दूसरे से प्रभावित होती रहती हैं और कहा भी गया है,......

यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे यत् ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे,

अनुभूति : शरीर और संसार की  : जो औपनिषदिक सूत्र वाक्य है जिसका अर्थ होता है कि जो इस पिण्ड अर्थात् शरीर और संसार में है वहीं ब्रह्माण्ड में भी है और जो कुछ ब्रह्माण्ड में है वही इस शरीर और संसार में भी है।
जैसे ब्रह्माण्ड स्वयं एक रहस्य है जिसका ९५ प्रतिशत अभी तक मानवीय चेतना और समझ से बाहर है वैसे ही मनुष्य और संसार भी है। संसार अभी भी अज्ञात है, समुद्र का अस्तित्व अभी भी शोध और खोज का विषय है। समुद्र की अतल वितल गहराईयां आज भी मनुष्य के लिए एक चुनौती ही है। समुद्री वैज्ञानिकों का कहना है कि अनवरत शोध एवं खोजों के बावजूद हम समुद्र को उतना ही जान पाए हैं जितना हम खुद को जान पाए हैं।
हजारों जलीय जीव, वनस्पतियां, पर्वतीय क्षेत्र, तरंगें, समुद्री गह्वर आदि आज भी एक रहस्य ही हैं। ठीक उसी प्रकार मनुष्य और उसकी क्रियाशीलताएं हैं,सोंच और चित्तवृत्तियां हैं जो स्वयं मनुष्य भी नहीं समझ पाता है कि उसका मन चित्त हृदय के भाव आदि एक पल में कैसे बदल जाते हैं। हम घर से निकलते हैं कुछ सोचकर और बाहर कुछ और हो जाता है। अभी किसी के बारे में कुछ सोच रहे होते हैं और क्षणभर में वे भाव विचार स्वत: स्फूर्त बदल जाते हैं और उनपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रह जाता है। यह खेल हमारे भीतर कैसे चलता रहता है,कुछ साफ-साफ नहीं समझ आता हैं और हम एक द्वन्द्वात्मक अवस्था में,भ्रम में पड़े पड़े काम करते रहते हैं और यह सब यंत्रवत चलता रहता है।
यह असल में हमारे स्थूल शरीर की सूक्ष्म चित्तवृत्तियां हैं जो समुद्री तरंगों की तरह हमारे भीतर उठती रहती हैं जो हमें कभी शान्त कर देती है या कभी विचलित कर देती हैं।

स्तंभ संपादन : शक्ति डॉ.नूतन.रंजना प्रीति .
पृष्ठ सज्जा : शक्ति अनुभूति सोनी श्वेता.  
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आज का गीत : जीवन संगीत : भजन : पृष्ठ : ३ 
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संपादन : शक्ति श्रद्धा जया वाणी .
उत्तरकाशी डेस्क.   

*
साभार : शागिर्द.१९६७.
भजन : कान्हा कान्हा आन पड़ी मेरे तेरे दवार
मोहे चाकर समझ निहार... हाँ तेरी राधा जैसी नहीं मैं.


सितारे : जॉय मुखर्जी. सायरा बानू.
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी. संगीत : लक्ष्मी कांत प्यारे लाल. गायिका : लता.
गाना भजन सुनने व देखने के लिए दिए गए लिंक को दवाएँ
*
टाइम्स मीडिया शक्ति प्रस्तुति.

*

शक्ति
.डॉ.राशि : स्त्री रोग. आर्य. डॉ.मयंक. मस्तिष्क नस रोग विशेषज्ञ. मुजफ्फरपुर :बिहार समर्थित.
*

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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : मीरा : शक्ति : कोलाज दीर्घा : पृष्ठ : ४ . 
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संपादन 



कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार चाकर समझ कर निहार : कोलाज : शक्ति. प्रिया डॉ.सुनीता जया

*
शक्ति डॉ. कृतिका. आर्य डॉ.वैभव राज : किवा गैस्ट्रो सेंटर : पटना : बिहारशरीफ : समर्थित
लीवर. पेट. आंत. रोग विशेषज्ञ
*
*
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी मीरा : शक्ति : कला दीर्घा : पृष्ठ : ५ .
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संपादन 
डॉ. भावना*स्मिता बीना जोशी 
नैनीताल  डेस्क 


जिसके मन भाए बस उसी के गुण गाए  : राधिका कृष्ण कलाकृति : कर्नल सतीश कुमार सिन्हा. 
*
*
शक्ति : राधिकाकृष्ण : एक भाव भंगिमा : कला कृति :
शक्ति. आस्था : संपादन : शक्ति. भावना * 



शक्ति.
 बिमला. आर्य.डॉ.श्याम किशोर.मॉडर्न एक्सरे.सी टी स्कैन.अल्ट्रा साउंड.बिहार शरीफ.समर्थित
  
*
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आज का पंचांग : दिन विशेष : पृष्ठ : ६   
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केदार दर्शन. नैनीताल प्रस्तुति. 


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दिन विशेष : आभार  : आज का पंचांग  राशि फल : पृष्ठ : ६ .
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संपादन.
*
शक्ति.दया उषा* जोशी.
मुक्तेश्वर.नैनीताल.  

शक्ति.दया जोशी. 
सम्पादिका. केदार दर्शन : नैनीताल.


आज : २३ : जुलाई. शक्तिअनंत दिवस : मूलांक : ५ . श्रावण कृष्ण पक्ष : त्रयोदशी
.
कुमाऊनी दैनिक पंचांग / का राशिफल देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को दवाएं.

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राधिकाकृष्णरुक्मिणी : शक्ति : फोटो दीर्घा : पृष्ठ : ७ .
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राधिकाकृष्णरुक्मिणी :समसामयिकी. समाचार : दृश्यम आभार : पृष्ठ : ८ .
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*
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आभार : पृष्ठ  : ८/ ३  
--------
*
आर्य संरक्षण शक्ति 
*
संपादन
डॉ.अनीता सीमा अंशिमा.
*
आर्य संरक्षण शक्ति 
*

माननीय. चिरंजीव नाथ सिन्हा.वर्तमान.भा.पु.से.
माननीय.विकास वैभव.वर्तमान.भा.पु.से.
माननीय.मुकेश कुमार. वर्तमान.भा.पु.से.
माननीय. सत्य प्रकाश मिश्रा वर्तमान.भा.पु.से.

*
आर्य सम्पादकीय संरक्षण शक्ति : ९ /३  
*

*
माननीय.डॉ.आर. के. दुबे.
लेखक.कवि.गीतकार.
माननीय.सतीश कुमार सिन्हा.
कर्नल.सेवा निवृत.
माननीय.आलोक सहाय.
विंगकमांडर.सेवा निवृत.
माननीय.आलोक कुमार.
कारगिल योद्धा.लेफ्टिनेट कर्नल.सेवा निवृत.
*
विशेष : संरक्षण : आभार : पृष्ठ  : ९ /३  


माननीय.रघुपति सिंह.जिला सत्र न्यायधीश.
सेवा निवृत.
माननीय.अंजनी शरण.न्यायमूर्ति.सेवा निवृत.उच्च न्यायलय.पटना.
माननीय..दिवेश.जिला सत्र न्यायधीश.वर्तमान.
माननीय.विशाल कुमार.सिविल जज.वर्तमान.

*
विशेष : संरक्षण : आभार : पृष्ठ  : ८/ ३.  
*
माननीय. दीपक रावत. कमिश्नर.उत्तराखंड. वर्तमान
शक्ति. वंदना सिंह.जिलाधिकारी.नैनीताल.वर्तमान
माननीय.प्रमोद कुमार.एस डी एम.नैनीताल.वर्तमान
माननीय.ज्योति शंकर. उप पुलिस अधीक्षक.साइबर क्राइम. वर्तमान
माननीय.पंकज भट्ट.भा. पु. से.उत्तराखंड
*
सम्यक लक्ष्य

* प्रकृति : प्रेम : पहाड़ : पुरुषोत्तम ( श्री लक्ष्मी नारायण ) : पुनर्निर्माण और पुनर्जन्म.
*
गुरु : शिष्य : परंपरा : पृष्ठ  : ८/ ३ 
*
संदीपनि : कृष्ण : अर्जुन.

*
आर्य. डॉ.शशि रंजन.सर्जन
आर्य. लकी कुमार.शाखा प्रबंधक
*
--------
मुझे भी कुछ कहना है : गीता ज्ञान : समसामयिकी. समाचार : आभार : दृश्यम पृष्ठ : ९ . 
--------

शक्ति. डॉ.रचिता. आर्य.डॉ. शशि रंजन.सर्जन.नालन्दा नर्सिंग होम हॉस्पिटल.बिहार शरीफ.समर्थित
*
संपादन
शक्ति डॉ.भावना रश्मि बीना जोशी
नैनीताल डेस्क.
*
-------------
ये है गीता का ज्ञान : अनुभाग : पृष्ठ : ९ / ०. 
-------------

संपादन.
शक्ति*सीमा.डॉ.राजेंद्र कुमार दुबे.
शक्ति* डॉ.अनीता.प्रशांत 
शक्ति*बीना.डॉ.नवीन जोशी. 
नैनीताल डेस्क. 
*

*
ये है गीता का ज्ञान 
*
जैसा करम करेगा वैसा फल देगा भगवान 
*

*
श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय २ , श्लोक ४७
*
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

भावार्थ
इसका भावार्थ है कि मनुष्य का कर्म करने में अधिकार है, फल में नहीं। इसलिए कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो। यह भी कहा गया है कि कर्म के फल की इच्छा न करते हुए, कर्म करते रहना चाहिए और अकर्मण्यता में भी आसक्ति नहीं रखनी चाहिए.

*
श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय २ , श्लोक ६३
*
क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥

भावार्थ
क्रोधसे मनुष्य की मति मारी जाती है यानी मूढ़ हो जाती है जिससे स्मृति भ्रमित हो जाती है।
स्मृति-भ्रम हो जाने से मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है और बुद्धि का नाश हो जाने पर मनुष्य खुद अपना ही का नाश कर बैठता है।

*
श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ९, श्लोक १९'

तपाम्यहमहं वर्षं निगृह्णाम्युत्सृजामि च।
अमृतं चैव मृत्युश्च सदसच्चाहमर्जुन।।

*

भावार्थ

मैं ही सूर्यरूप से तपता हूँ, वर्षा का आकर्षण करता हूँ और उसे बरसाता हूँ।
हे अर्जुन ! मैं ही अमृत और मृत्यु हूँ और सत्-असत् भी मैं ही हूँ।

*


श्रीमद्भगवदगीता : अध्याय ४ श्लोक ७ और ८



गीता ज्ञान : कृष्ण : अर्जुन : कुरुक्षेत्र : महाभारत. 

*
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥

भावार्थ
*

हे भारत ! जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब- तब मैं ( भगवान ) अवतार लेता हूँ। साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए, और धर्म की स्थापना करने के लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ।

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कृष्ण : युधिष्ठर : द्रोण : महाभारत प्रसंग
अर्ध्य सत्य
अश्वत्थामा हतः इति नरो वा कुंजरो वा

अर्थ
अगर हमारे सच से कोई नुकसान होता है तो उस वक्त झूठ चाहे ना बोले
लेकिन पूरा सच बोलना भी जरूरी नहीं ..

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मुझे भी कुछ कहना है : पृष्ठ : ९ / १. 
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सोना सज्जन साधु जन 
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प्रथम मीडिया शक्ति प्रस्तुति

संपादन शक्ति
डॉ.अनीता स्मिता भारती
नैनीताल डेस्क.
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प्रेरक दृश्य माध्यम
आर्य समाज मंदिर : नैनीताल : प्रस्तुति
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सम्यक : साथ : सोच : कर्म
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हरि अनंत हरि कथा अनंता : राम : कृष्ण
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प्रेरक : प्रसंग : आर्य वचन : पृष्ठ : ९ / १. 
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अपमान : क्षमाशीलता : कृष्ण : शिशुपाल
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यदि अपनों से ' छल ' ' अपमान ' मिलने और उसके जानने के पश्चात् भी
जो अपनें प्रिय ' जनों ' के लिए ' क्षमाशीलता ' , ' सहिष्णुता ' और ' स्नेह ' सतत रखें......
तो वो कोई ' सज्जन ' साधु ही हो सकते हैं...
लेकिन ....अपनी ' गलतियों ' को कदापि नहीं भूले....
कृष्ण : शिशुपाल, ' महाभारत ' के ' युधिष्ठर : दुर्योधन ' के प्रसंग सदैव स्मरण रहें....
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शक्ति*प्रिया @ डॉ.सुनीता मधुप.
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इ पत्रिका धार्मिक ग्रंथों से प्रेरित है अतः जन मानस को धर्म के प्रति जागरूक करेगी। लोगों में धर्म के प्रति जागरूकता लाना भी तो एक पत्रकार का कार्य होता है। राधिका कृष्ण दर्शन के संपादक को बहुत-बहुत धन्यवाद धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए.... 

 संजय सुमन.
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हरि अनंत हरि कथा अनंता : राम : कृष्ण
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वो ' अंतर्यामी ' है, ' सर्वस्व ' है, वो सब ' देख ' रहा है, वो सब ' समझ ' रहा है, वो सब सुन रहा है
वो सब ' जानता ' है
क्योंकि वो ' सोलह कलाओं से युक्त ', ' योगी राज ' ' परम ब्रह्म ' है,
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शक्ति*प्रिया @ डॉ. सुनीता मधुप

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It is a very nice page : Abhay Kumar Mishra.

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Comments

  1. I am very much obliged to the editing board and to Dr.Raman Madhup jee for giving a prestigious place for my articles यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे and औपनिषदिक दर्शन और बौद्ध पटिच्चसमुप्पाद् का दर्शन, actually with the help of Indian metaphysical aspects I have tried my level best that there is nothing new in Budhist philosophy but a moderate for of Upanishads.
    Again my hearty thanks to the editing board.
    Regards.

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